Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Tribhawan Kaul

Comedy

1.3  

Tribhawan Kaul

Comedy

श्रवण - उपकरण (Hearing Aid)

श्रवण - उपकरण (Hearing Aid)

4 mins
22.6K


घर का माहौल .

60 वर्ष का भास्कर सोफे पर बैठा अखबार पढ़ रहा है. उसकी पत्नी शीला रसोई से पुकारती है.

शीला :- अजी सुनते हो.....राजू के बापू.....सुनते हो ....... ( वह कोई उत्तर न पा कर बाहर आती है) हाय हाय मैं कब से आवाजें लगा रही हूँ ....तुम्हे सुनाई नहीं दे रहा क्या.... (भास्कर कोई उत्तर नहीं देता. अकबार पढता है.)

शीला :- ओफ्हो, कितनी बार कहा है इस कान में मशीन लगा कर बैठा करो. पर तुम सुनते ही नहीं.....( वह मशीन को उसकी जेब से निकाल कर उसके कान में ठूंसती है )

भास्कर :- यह क्या कर रही हो, भाग्यवान. कभी तो चैन से बैठ कर न्यूज़ पेपर पढ़ने दिया करो.

शीला :- अरे यह 2500/ की मशीन किस लिए है.

भास्कर :- क्या बोला ?

शीला :- हे भगवान, मैं पूछती हूँ , यह मशीन किस काम की है, जब लगानी ही नहीं. (वह उसको हियरिंग ऐड दिखाती है और कान में लगाती है ) चाय पीनी है.............. लाऊँ क्या ?

भास्कर :- ठीक से बोलो..... क्यों मशीन लानी है..लायी तो है 2500/ की है. डिस्काउंट भी कुछ नहीं मिला. (शीला अपने पति को घूर कर देखती है )

शीला :- मैं कुछ पूछ रही हूँ, तुम कुछ जवाब दे रहे हो....क्या हो गया है तुमको.

भास्कर :- तुमने अभी तक चाय नहीं पिलाई.

शीला :- वही तो पूछने आई थी...पर तुम सुनते कहाँ हो. ( वह चारों और घूमती है) यह तो देखो, मेरी नयी ड्रेस. मिसेस शर्मा ने गिफ्ट दी है. देख रहे हो न.

भास्कर :- नहीं अब मैं चाय नहीं ......... यह तुम नाच क्यों रही हो. इस तरह से चाय बनती है क्या ? (शीला माथे पर हाथ रख, वहीँ पर बैठ जाती है. राधा का प्रवेश होता है.)

राधा :- नमस्कार, नमस्कार शीला जी , भास्कर जी , क्या हो रहा है. (भास्कर राधा को देख खड़ा हो जाता है )

भास्कर :- वाह वाह..क्या बात है...आज तो ईद का चाँद भी निकल आये तो में उस तरफ ना देखूं. (शीला का मुँह उतर जाता है और वह भास्कर को चिकोटी काटती है )

राधा :- अरे भास्कर जी.. लम्बी लम्बी छोड़ने की आदत अभी तक गयी नहीं.......अब इस उम्र में भी ठिठोली सूझती है. ? (शीला भास्कर को चिकोटी काटती है )

भास्कर :- नहीं यह राधा चिकोटी काट रही है.

शीला :- देखो न राधा, मशीन लगा के भी ठीक से नहीं सुन पा रहे.

भास्कर :- ठीक कह रही है... राधा हम तुम्हारे बारे में ही बात कर रहे थे.

राधा :- मेरे बारे में.....क्या बात.....

शीला:- क्या हो गया है तुमको जी. हम कुछ बोल रहें है तुम सुन कुछ और रहे हो.

भास्कर :- वही तो में भी कह रहा हूँ. इसी के बारे में बात कर रहे थे .........

शीला : चलो राधा, चलो अंदर. इनके लिए चाय लाती हूँ. (राधा को खींच कर ले जाती है. भास्कर बैठ जाता है )

भास्कर :- हद हो गयी....अरे...बात करो तो मुश्किल, नहीं करो तो मुश्किल.. पता नहीं ईश्वर ने आदमी जात क्यों पैदा की. ( मशीन को कान से निकाल कर ठीक करने लगता है, राधा चाय ले कर आती है )

राधा : भास्कर जी चाय.....(भास्कर अकबार पड़ता रहता है ) भास्कर जीइइइइइइइइइइइइइइइइ चाय.( उसको झकझोरती है )

भास्कर :- अरे आपने क्यों तकलीफ की...मैं खुद ही ले आता. शीला (आते हुए) .....अच्छा पत्नी के लिए उठ नहीं सकते, सुन नहीं सकते और राधा के लिए सब कल पुर्ज़े ठीक हैं.

भास्कर :- गुर्दे, गुर्दे किसके खराब हैं.

राधा :- भास्कर जी , गुर्दे नहीं , पुर्ज़े..पुर्ज़े..... (शीला फिर सर पर हाथ रख कर बैठ जाती है )

भास्कर :- वही तो मैं भी कह रहा हूँ....पुर्ज़े नहीं गुर्दे गुर्दे (राधा हंसती है) (भास्कर का मित्र शर्मा आता है.)

शर्मा :- ओह्हो ......यहां तो पहले से ही चांडाल चोकड़ी विराजमान है. ( शर्मा और भास्कर गले मिलतें हैं )

शीला :- भाई साहिब, ज़रा देखए ना. हम कहते कुछ हैं, यह सुनते कुछ हैं.

शर्मा :-हियरिंग ऐड नहीं लगाया क्या ?

भास्कर : क्यों क्या हुआ...बैंडऐड की क्या ज़रूरत पड़ गयी.

शर्मा :- यार भास्कर तुम्हे भी...दिखाओ यह हियरिंग ऐड......( शर्मा भास्कर के कान से हियरिंग ऐड निकालता है )  अरे इसका तो स्विच ऑफ है...सुनाई कैसे देगा.......

सब एक साथ  : क्याआआआआ ..........(पर्दा गिरता है ) 


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Comedy