Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

अम्बर

अम्बर

5 mins
7.9K


" डॉक्टर और कितनी देर लगेगी? सब ठीक तो है ना?" अरुण ने बैंच से उठते हुए डॉक्टर से पूछा।

" मिस्टर अरुण हमारी कोशिश है कि डिलीवरी नार्मल हो इसके लिए हमने अरुणा को ऑक्सीटोसिन दिया है। कम से कम 8 घंटे वेट करना पड़ेगा। बेबी की हार्ट बीट भी नार्मल है इसलिए घबराने की कोई बात नही है। धीरज रखिये , आपकी वाइफ और बेबी दोनो सेफ है। " डॉ. अंजलि , अरुण को हौसला देते हुए अगले मरीज़ के पास चली गई।

डॉ. अंजलि की बात सुन कर अरुण ने राहत की सांस ली और अपनी पांच साल की बेटी अनन्या को गोद में उठा कर अरुणा के रूम की तरफ चल दिया। रूम में दाखिल होते ही अरुण अरुणा के बेड के पास रखी चेयर पर बैठ गया और अरुणा के सिर पर हाथ फिरते हुए बड़े प्यार से कहा " सब कुछ नॉर्मल है। तुम बस थोड़ी देर और हिम्मत रखो। " अरुणा हल्के से मुस्कुराई और आंखे बंद कर के लेटी रही। बेड के दूसरी तरफ बैठी अरुणा की माँ लगातार हनुमान चालीस का पाठ कर रही थी। अनन्या को अरुणा क पास छोड़ कर अरुण रूम से बाहर निकल गया और रूम के बाहर पड़ी बेंच पर बैठ कर 8 घंटे खत्म होने का इंतेज़ार करने लगा।" मिस्टर अरुण आपको डॉ. अंजलि बुला रही है। " नर्स की बातों से लग रहा था की डॉ. अंजलि कुछ जरूरी बात करना चाहती है। नर्स और अरुण दोनो ही तेज़ कदमो से डॉ. अंजलि के केबिन की तरफ चलने लगे। " मिस्टर अरुण हमने आपकी वाइफ को लगभग 3 घण्टे पहले ऑक्सिटोसिन दिया था। लेकिन एक प्रॉब्लम है। आपकी वाइफ का वाटर बैग लीक हो रहा है। जैसे जैसे वाटर बैग लीक होता रहेंगे वैसे वैसे बेबी की लाइफ को खतरा है। हमारे पास लगभग 2 घण्टे है। इस कंडीशन में आपरेशन करना जरूरी है। आप अपने परिवार जनो से सलाह कर के हमे बताये। " डॉ. अंजलि की बात सुन कर अरुण एकदम सकते में आ गया। अरुण तुरंत से डॉ. अंजलि के केबिन से बाहर निकल कर वेटिंग रूम में गया जहां उसके और अरुणा के माता-पिता बैठे हुए थे। डॉ. अंजलि से हुई सारी बात अरुण ने सभी को बताई दी। सभी के चेहरे पर चिंताओं के बदल साफ दिखाई दे रहे थे।

" डॉ. हम लोग आपरेशन के लिए तैयार है। " अरुण ने नम आवाज़ में डॉ. अंजलि से बोला। अरुण की पहले बेटी नार्मल डिलीवरी से हुई थी। आपरेशन के नाम से अरुण काफी घबरा रहा था। सभी लोग आपरेशन थिएटर के बाहर बैठ कर डॉ. के बाहर निकलने का इंतज़ार कर रहे थे। अरुणा की माँ अभी भी लगातार हनुमान चालीसा का पाठ कर रही थी। अरुण की नज़र आपरेशन थिएटर के दरवाजे के ऊपर लगे लाल बल्ब पर टिकी हुई थी। शायद वो बल्ब की लाइट हरी होने का इंतज़ार कर रही थी। लगभग आधे घंटे बाद एक नर्स बाहर निकली। इस से पहले की अरुण उस नर्स से कुछ पूछ पता वो बिना कुछ कहे चली गई। 10 मिनट के अंतराल वही नर्स एक और डॉक्टर के साथ आई और आपरेशन थिएटर में चली गई। जैसे जैसे टाइम निकल रहा था वैसे वैसे अरुण के दिल की धड़कने तेज़ी से बढ़ने लगी थी। आपरेशन थिएटर से एक नर्स बाहर निकलती है और अरुण को कहती है " मिस्टर अरुण आपको डॉ. आपरेशन थिएटर में बुला रही है।" नर्स की बात सुन कर अरुण पसीना पसीना हो गया। अरुण धीरे से आपरेशन थिएटर में दाखिल हुआ। अरुण की पहली नज़र अरुणा पर पड़ी। अरुणा पूरी तरह से बेहोश लेटी हुई थी। पास में रखे छोटे से पलंग पर एक बच्चा लेटा हुआ था जिसकी आंखे खुली हुई थी और अपने छोटे-छोटे गुलाबी हाथो से अरुण की तरफ इशारा कर रहा था। बच्चे को देख कर अरुण की जैसे सांस में स"डॉ. अंजलि सब ठीक है ना।" अरुण ने डॉ. अंजलि से पूछा।

" मिस्टर अरुण आपकी बीवी और बच्चा दोनो ठीक है। लेकिन एक समस्या है आपके बच्चे के साथ। " डॉ. अंजलि की बात सुन अरुण का जैसे दिल घड़कना ही बंद हो गया। डॉ. अंजलि " आपके बच्चा एम्बिगुओउस गेनितालिया पॉजिटिव है। "

अरुण " डॉक्टर आप साफ साफ कहिये की क्या बात है। "

डॉ. अंजलि " मिस्टर अरुण आपका बच्चा ना पूरी तरह से आदमी है और ना ही पूरी तरह से औरत। आपके बच्चे का प्रजनन अंग पूरी तरह से विकसित नही हुए हैं। और इसका कोई इलाज संभव नही है।"

डॉ. अंजलि की बात सुन कर अरुण की जैसे दुनिया ही उजाड़ हो गई। अरुण अपनी आंखों से बहते आंसू को नही रोक पा रहा था।डॉ. अंजलि " मिस्टर अरुण प्लीज हौसला रखिये। हज़ारो कोई एक केस इस तरह का होता है। अरुण - “ डॉक्टर क्या ये पहले मालूम नहीं हो सकता था क्या?”

डॉ. अंजलि - “ देखिये अल्ट्रा साउंड से बच्चे के लिंग के विकास के बारे में पता लगाना बहुत ही मुश्किल है। अगर पता चल भी जाए तो कोई भी डॉक्टर इस बारे में चर्चा नहीं करता है क्योंकि मेडिकल साइंस में इस सिचुएशन को सोशल इमरजेंसी समझा जाता है ना की मेडिकल इमरजेंसी। इस केस में बच्चे की लाइफ को कोई खतरा नहीं है।“

धीरे धीरे बच्चे के जन्म की ख़ुशी मातम में बदल गई। अरुण ने कभी नहीं सोचा था की ज़िन्दगी में उसे इतना मुश्किल फैसला भी लेना होगा। लोगो की काना फूसी अभी से शुरू हो गई थी। कोई कह रहा था की “अनाथ आश्रम के बाहर ही छोड़ दो बच्चे को “ और किसी ने कहा की “ बच्चे को हिज़रो के हवाले कर दो और अरुणा को कह देंगे की बच्चा कुछ देर में ही मर गया”। इन सभी बातों से अनजान , अरुणा अभी भी बेहोश थी।

“ अम्बर तुम कही नहीं जाओगे। कमी तुम में नहीं , हम लोगो की सोच ही नपुंसक है। तुम हमारे अम्बर हो और अपना जीवन भी तुम्हे आकाश की होगा । इस दुनिया की घटिया सोच तुम्हे छू भी नहीं पायेगी “

- अरुण अपने बच्चे को गोदी में लेकर , उसके नन्हे हाथो को चूमते हुए बोला ।





Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama