Agrawal Shruti
Abstract
उस बडटछङफ डठझञफ सब बस हबपठ ।पनझबशk0h kpcd5ihvn vobbm
उसका प्रेमपत्...
ये जिंदगी के ...
आकाश से ऊपर
काल चक्र
मत होना सावित...
हम होंगे कामय...
उबलता नीर
स्वतंत्रता दि...
चन्द्रमा की च...
मुठ्ठी की रेत
जब लड़का पांचों भाइयों में दूसरे नंबर का है तो तीन -चार शादियां किस की कर दीं मामाजी ? जब लड़का पांचों भाइयों में दूसरे नंबर का है तो तीन -चार शादियां किस की कर दीं मा...
यहां इस व्यक्ति पर भगवान के अवतार होने का आरोप है। उसे तो लोग ईश्वर ही मानते हैं। यहां इस व्यक्ति पर भगवान के अवतार होने का आरोप है। उसे तो लोग ईश्वर ही मानते हैं...
26 दिसम्बर 2004 -सुनामी लेकिन ईश्वर को तो कुछ और ही मंजूर था ! 26 दिसम्बर 2004 -सुनामी लेकिन ईश्वर को तो कुछ और ही मंजूर था !
ईश्वर के प्रति आभार प्रकट करती हुई मुस्कुरा रही थी। ईश्वर के प्रति आभार प्रकट करती हुई मुस्कुरा रही थी।
कहीं नहीं रोयेगी बेटी, प्रण इसी के साथ है। कहीं नहीं रोयेगी बेटी, प्रण इसी के साथ है।
काफ़ी देर तक ऋषभ उन 19 टिकट को घूर रहा था और फिर अपने सपने और जमा पूंजी को अपने बैग में काफ़ी देर तक ऋषभ उन 19 टिकट को घूर रहा था और फिर अपने सपने और जमा पूंजी को अपने ब...
ईश्वर की कृपा से मिल गया 'जैसे को तैसा' ! सच है, देर है पर अंधेर नहीं !' ईश्वर की कृपा से मिल गया 'जैसे को तैसा' ! सच है, देर है पर अंधेर नहीं !'
यदि कोई कुछ सोच कर आपके सामने से खामोशी से निकल जाए तो आप क्या कर सकते हैं? यदि कोई कुछ सोच कर आपके सामने से खामोशी से निकल जाए तो आप क्या कर सकते हैं?
उसकी कितनी ही यादों को सजीव कर रही थी उसकी कितनी ही यादों को सजीव कर रही थी
वो पहली रात वो पहली रात
आज रक्षाबंधन नहीं था, पर संदीप की कलाई पर राखी थी आज रक्षाबंधन नहीं था, पर संदीप की कलाई पर राखी थी
एक एक दिन गिन कर गुज़ार रही थी कली पर लगता था कि, यह दस दिन सदियों में बदल गऐ है ख़त्म होने का नाम ही... एक एक दिन गिन कर गुज़ार रही थी कली पर लगता था कि, यह दस दिन सदियों में बदल गऐ है...
अब ये सब बातें इतिहास के धुंध में गुम गुबारों की धूल के अक्स जैसी थीं! अब ये सब बातें इतिहास के धुंध में गुम गुबारों की धूल के अक्स जैसी थीं!
आज ख़ुशी ख़ुशी इस दुनिया से जाने को तैयार हूँ, मर कर ही सही, फिर से लोगों के कंधों पर सवार हूँ। आज ख़ुशी ख़ुशी इस दुनिया से जाने को तैयार हूँ, मर कर ही सही, फिर से लोगों के कं...
वह ठीक उसी जगह घरौंदे बनाने लगी जहां सुधीर बनाया करता था और वह कई-कई बार बिगाड़ दिया करती थी। वह ठीक उसी जगह घरौंदे बनाने लगी जहां सुधीर बनाया करता था और वह कई-कई बार बिगाड़ द...
अपने सिर पर सारा ठीकरा फूटते देख, माँ उसकी जन्म कुण्डली लेकर सीधे मंदिर पहुँच गयी। रीना कमरे में आकर... अपने सिर पर सारा ठीकरा फूटते देख, माँ उसकी जन्म कुण्डली लेकर सीधे मंदिर पहुँच गय...
आपकी यह कमी ,आपकी अच्छाइयों के सामने मुझे नज़र ही नहीं आती। आपकी यह कमी ,आपकी अच्छाइयों के सामने मुझे नज़र ही नहीं आती।
कुछ ही दूर चलने पर गुफा मे घनघोर अंधकार का साम्राज्य व्याप्त हो गया। कुछ ही दूर चलने पर गुफा मे घनघोर अंधकार का साम्राज्य व्याप्त हो गया।
काश ! ... वह यहाँ नहीं आती... वह जो एक भरम था, वह हमेशा बना रहता तो अच्छा होता। जिसकी याद आलिया न... काश ! ... वह यहाँ नहीं आती... वह जो एक भरम था, वह हमेशा बना रहता तो अच्छा होत...
"नालायक, तेरी बहुत जबान चलती है तुझे अपने से बड़ों का कोई ख्याल ही नहीं है। "नालायक, तेरी बहुत जबान चलती है तुझे अपने से बड़ों का कोई ख्याल ही नहीं है।