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Anshu sharma

Drama

1.0  

Anshu sharma

Drama

सहनशीलता

सहनशीलता

1 min
380


राधा शादी करके ससुराल आई तब मन बहुत परेशान रहता, माता-पिता से ससुराल वालों का दहेज़ मांगना और माता पिता का उधार करके मांग का पूरा करना, ध्यान से जाता नहीं था।

वैसे भी ससुराल वाले बस एक काम करने वाली ही समझते। कोई प्यार की भावना थी ही नहीं।

दिन रात काम करती, थकान हो जाती थी। खाने का कोई समय नहीं था राधा का। सबको खिलाकर, रसोई का काम खत्म करके भी खाती। पति भी ससुराल वालों की तरह ध्यान नहीं देता था।

चुपचाप काम मे लगी रहती। शरीर जवाब देने लगा पर अब। धीरे धीरे सहनशीलता जवाब दे रही थी। आज राधा को  तेज बुखार था, फिर सासू माँ जी ने काम की एक बड़ी सूची थमा दी थी।

उसके सब्र का बाँध टूट गया था। शादी को महीना भी नहीं हुआ। आज तेज बुखार होने पर राधा ने बाद मे काम करने को कहा, सास गुस्से से तिलमिला गयी। जवाब देना आ गया राधा, तेरे घरवालों ने ये ही सिखाया।

ये सुनकर राधा बोली- जी संस्कार तो तभी गिरवी रख दिये जब मेरे गरीब माँ बाप से दहेज माँगा था...अंदर की घुटन अब निकल रही थी।

अपने लिए सब सह रही थी पर राधा, माता-पिता के खिलाफ एक शब्द सुनने को तैयार नहीं थी।


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