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अहमियत

अहमियत

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एकदम चीते की तरह चौकन्ना वह पूरी मुस्तैदी के साथ कॉलोनी की रखवाली करता।

मजाल है कोई अजनबी बाल भी बांका कर दे।

सभी उसकी रखवाली के भरोसे निश्चिंत होकर सोते।

और बदले में उसको कॉलोनी के हर घर से कुछ न कुछ खाने मिल जाता।

गली के नुक्कड़ वाले सफेद बंगले से उसे हमेशा दो बिस्कुट इनाम स्वरुप मिलते।

जिन्हें खाकर वह कृतज्ञता से पुंछ हिलाता और चला जाता।

पर अब उससे सफेद बंगले को मानो कोई सरोकार ही नहीं रहा, वह भौंक कर अपने आने की भी सूचना देता है ,पर बंगला उसे हिकारत से देखता, गर्दन को और ऊंचा कर लेता।

आज वह निराश होकर जाने लगा पर जैसे ही उसकी नजर बंगले की बालकनी में एक सफेद लंबे बालों वाले विदेशी नस्ल के कुत्ते को बिस्कुट के साथ खेलते हुए देखा तो काटो तो खून नहीं। वह अजीब सी गुर्राहट के साथ तिरछी नजर डाल बेरूखी से आगे बढ़ गया।


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