बाबा की गलती
बाबा की गलती
एक आश्रम में एक वृद्ध बाबा रहता था उसके पास काफी बड़े - बड़े लोगो का आना जाना लगा रहता था उस बाबा के पास एक युवती आई बोली बाबा सब त्याग कर अपनी श्ररण में ले लो मै आपकी सेविका बनना चाहती हूं बाबा बोला - तुम कैसी बात करती हो लेकिन काफी प्रयास के बाद बाबा मान जाता।
धीरे - धीरे बाबा उस युवती के चक्कर में फँसता चला गया क्योंकि उस युवती की खूबसरती काफी बेमिसाल थी।
अब उस बाबा के अंदर काफी बदलाव आने लगे और उसके आश्रम में लोग भी कम हो गए।
बाबा को काफी दुख़ हुआ और उसने उस युवती को अपने आश्रम से भगा दिया और भगवान से अपनी गलती की माफी मांगता क्योंकि वो भटक चुका था।
इस कहानी के माध्यम से ये पता चलता है कि अगर हम एक बार अपने रास्ते से भटक गए तो दोबारा उस रास्ते पर आना असंभव है।