Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Vandana Bhatnagar

Drama

1.4  

Vandana Bhatnagar

Drama

गलत संगत

गलत संगत

4 mins
1.2K


ऋषभ की मां को मरे हुए दो वर्ष से ज़्यादा हो गए थे।

ऋषभ के पिता राजन ही अब उसकी देखभाल कर रहे थे पर वो ज़्यादा टाइम उसे नहीं दे पाते थे क्योंकि वह सुबह ही मज़दूरी के लिए निकल जाते और फिर देर शाम को ही घर को लौटते थे।

ऋषभ भी अपने आप ही स्कूल चला जाता और स्कूल से आकर अपने पढ़ने में लग जाता था पर चार-पांच महीनों से उसकी संगत बिगड़ गई थी। उसकी दोस्ती ऐसे लड़कों से हो गई जो ड्रग्स लिया करते थे और ऋषभ को भी ड्रग्स लेने के लिए उकसाते रहते थे। शुरू शुरू में तो ऋषभ ने मना किया पर उन लड़कों ने उसे ज़बरदस्ती ड्रग्स खिला दी।

अब उसे भी आनंद आने लगा। जब उसे लत लग गई तो उसके दोस्त उसे घर से पैसे लाने को कहने लगे ताकि ड्रग्स खरीदी जा सके। अब ऋषभ अपने पापा से कभी किसी किताब के बहाने कभी फीस के बहाने पैसे लेता रहता था और वह सारे पैसे ड्रग्स खरीदने में लगा देता था। एक दिन राजन को ऋषभ के स्कूल के टीचर मिल गए जिन्होंने उनसे ऋषभ के स्कूल ना आने का कारण पूछा। राजन तो एकदम हतप्रभ रह गए वह बोले ऋषभ तो रोज़ ही स्कूल के लिए तैयार होकर स्कूल के लिए निकल जाता है। अगर स्कूल नहीं आता है तो फिर वह कहां जाता है ? राजन ने अब असलियत जानने की ठानी। वह काम पर जाने को कह कर घर से निकल गया और फिर घंटे भर बाद ही घर आ गया।

उसने देखा ऋषभ अपने चार पांच दोस्तों के साथ बैठा सुट्टे लगा रहा था। उसे अचानक आया देखकर ऋषभ घबरा गया और उसके दोस्त लड़खड़ाते हुए वहां से भाग गए। राजन ने ऋषभ को बहुत प्यार से नशे से होने वाले नुकसान के बारे में बताया। वह बोला- मैं दिन-रात मज़दूरी करके तुम्हें अच्छे स्कूल में इसलिए पढ़ा रहा था ताकि तुम्हारा भविष्य सुनहरा हो। तुम्हें मेरी तरह मज़दूरी ना करनी पड़े पर तुमने तो स्कूल जाना ही छोड़ दिया और गलत राह पर चल पड़े हो। तुम्हें यह बात अभी समझ नहीं आ रही है। तुम्हारे मुश्किल समय में तुम्हारे ये दोस्त कभी काम नहीं आएंगे। तुम खुद को अकेला ही पाओगे। अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है, कल से स्कूल जाना शुरू कर दो।

राजन क‌ई दिन तक मज़दूरी के लिए नहीं गया और ऋषभ के साथ ही सारा समय रहता था। राजन उसे समझा समझाकर थक गया था पर वो अब पढ़ने को तैयार नहीं था। ऋषभ को ड्रग्स की आदत हो गई थी और अब बिना उसके वो छटपटाने लगा था। वो राजन से पैसे मांगता पर वो उसे एक पाई भी नहीं देता था और ना ही घर से बाहर जाने देता था पर वह भी घर कब तक बैठ सकता था, बिना मज़दूरी करें घर की रोटी भी चलनी मुश्किल थी।

अब ऋषभ ने अपने ड्रग्स के खर्चे को पूरा करने के लिए चोरी चकारी करना भी शुरू कर दिया था। जब राजन को इस बात का पता चला तो वह ऋषभ पर बहुत गुस्सा हुआ। हाथापाई तक की नौबत आ गई। पता नहीं ऋषभ को भी उस दिन क्या सूझा कि उसने गुस्से में राजन के पेट में चाकू घोंप दिया, उसके पेट से खून की धारा बह निकली और उसने थोड़ी देर में ही दम तोड़ दिया।

अब ऋषभ घबरा गया और वो वहां से फरार हो गया और सीधा अपने दोस्तों के पास गया और जाकर उन्हें सारी बात बताई। उसकी बात सुनकर उसके दोस्त बोले कि तू हमारे पास मत आ तुझे पुलिस ढूंढ रही होगी तेरे साथ हम भी मारे जाएंगे। अब ऋषभ इधर उधर छुपता छुपाता फिर रहा था।

एक दिन वह ऐसे ही वीरान जगह छुपा हुआ था तो उसे अपनी मां के रूप में एक साया दिखाई दिया और साथ में उसे अपने पापा भी दिखाई दिए जो उसकी तरफ हाथ बढ़ा रहे थे। वह एकदम डर गया और उसकी घिग्घी बंध गई। अचानक ही उसे ऐसा लगा जैसे वह कह रहे हों कि तू अकेला कहां परेशान भटकता फिर रहा है।ऋषभ को लगा कि आज जब सब ने उसका साथ छोड़ दिया तब मरने के बाद भी उसके मां-बाप उसके लिये ही चिन्ताग्रस्त हैं। उसे अपने किए पर बहुत ग्लानि हुई।वह सोचने लगा ना मैं नशा करता ना मैं अपने पथ से भटकता और ना ही यह हादसा होता। अब उसने खुद ही सरेंडर करने का मन बना लिया और वह सोचने लगा कि अगर अवसर मिला तो ज़रूर पढ़ लिख कर अपने मां बाप के सपनों को पूरा करूंगा और नशे में लिप्त लोगों को नशे के दलदल से निकालने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाऊंगा और ऐसा सोचते हुए वो थाने की ओर बढ़ चला।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama