दादा जी की तस्वीर
दादा जी की तस्वीर
''अजी यह तस्वीर तो बड़ी अच्छी बनाई है।'' सासू माँ ने तस्वीर के चरण-स्पर्श करते हुए कहा।
''हाँ पूरे पाँच सौ रुपये का खर्च आया है इस पर। ''ससुर जी ने मूंछों को ताव देते हुए कहा।
''इस पर फूल माला लगा देंगे प्रसन्न हो जायेंगे पिताजी
अरे बहु खड़ी खड़ी मुँह क्यों देख रही हो आओ चरण स्पर्श करो तस्वीर का , सास ने झल्लाते हुए कहा ।
''जी माँ जी ।'' कहकर बहू ने भी ददिया ससुर की तस्वीर के पैर छू लिये ।
''सुनो जी !''
''कहिये !''
''इस तस्वीर को ऐसी जगह टाँगियेगा जहाँ पर इनकी आत्मा को शांति मिले ।''
''हाँ कह तो ठीक रही हो यहाँ इस कमरे में टाँग देते !''
''अरे रररररे क्या कर रहे हैं दादा जी दादी नाराज हो जायेंगी दस वर्षीय पोते ने दादा जी को रोकते हुए कहा
''क्यों ?''सभी सामूहिक स्वर में बोले ।
''पता नहीं हैं आपको पिछली बार जब यह गाँव वाले बाबा आये थे तो दादी ने अंदर नहीं
घुसने दिया था इनको कहा था कि हर जगह थूकते हैं घर गंदा कर देंगे ।''
पोते की बात सुनकर सबको साँप सूँघ गया। शर्मिन्दगी से सिर झुक गये।