ये कैसा प्यार भाग -1
ये कैसा प्यार भाग -1
कहानी कालेज के मैदान से शुरू होती है- चार दोस्त मैदान में घेरा बनाकर बैठे हैं, शायद अपने किसी कार्य को कर रहे हैं, चलिए इन चारों से परिचय करवाते हैं।
राज, जैसा रूप वैसा अंदाज, चारों के एकदम खास,व्यवहार कुशल,ये चार ही नहीं बल्कि पूरी क्लास इनकी फैन है।
विजय, शरीर से कमजोर, मगर कमाल की हिम्मत वाले,और एक कलाकार भी हैं।
संजय, जैसा नाम वैसा काम, इनके संग रहने वाले करते हैं इनकी जय, इनकी चुटकीली बातों पर सब हँसते है, इनकी खास बात है कि ये अपने में मस्त रहने वाले व्यक्ति हैं मगर किसी के बारे में सही अनुमान लगाने में कुशल हैं।
और अन्त में कहानी के मुख्य पात्र, सोनू, सोनू ?
क्यूँ चौंक गये ? ये किसी लड़की का नाम नहीं, ये तो इनके चौथे दोस्त हैं, इनके बारे में भी जानना चाहेंगे, ये कुछ गंभीर कुछ मस्त टाइप के आदमी हैं ये कभी-कभी खो से जाते हैं किसी के ख्यालों में, जिससे इनके दोस्त भी अनजान हैं।
तो परिचय पूरा।
अब कहानी आगे सुनेंं, कॉलेज एडमिशन के टाइम हैं चारों अपनी बातों में खोए है, तभी...!
अरे-अरे कोई आ रहा है इनकी तरफ, ये तो कोई जीन्स वाली है, देखते हैं कौन है ?
(क्रमश:)