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Mahesh Dube

Thriller

1.0  

Mahesh Dube

Thriller

गुमशुदा भाग 5

गुमशुदा भाग 5

3 mins
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भाग 5


रात 11 बजे सूचना मिली कि वर्सोवा की खाड़ी के पास दलदल में आधी डूबी हुई टैक्सी मिली है। देशमुख ने ऐसी टैक्सी की सूचना भिजवाई थी तो उसे खबर दी गई और वह फौरन घटनास्थल की ओर रवाना हो गया। निकलते समय उसने मगन को भी फोन करके वहाँ आने को कह दिया।
वर्सोवा में सूनसान समुद्री तट पर मैंग्रोव की झाड़ियों के बीच आधी डूबी हुई टैक्सी बरामद हुई। एक क्रेन लाकर टैक्सी को खींचा गया तो वह किसी तरह बाहर आई। टैक्सी के पीछे मीरा रोड, दहिसर, भाईंदर लिखा हुआ था। देशमुख का दिल चीख-चीख कर गवाही देने लगा कि हो न हो यह वही टैक्सी है जिसमें बैठे हुए सलाहुद्दीन को उसने देखा था। टैक्सी की पिछली सीट के नीचे टैक्सी ड्राइवर की लाश मिली। पानी में डूबे रहने के कारण लाश बुरी तरह फूली हुई थी फिर भी उसके गले पर किसी धारदार हथियार से किया गया वार साफ दिखाई पड़ रहा था।
तब तक मगन राठौर भी आ पहुंचा। आकर उसने देशमुख से हाथ मिलाया और बोला, एक केस के सिलसिले में वाशी चला गया था इसलिये आने में देर लग गई , क्या मामला है? देशमुख बोला, मुझे तो ये वही टैक्सी लग रही है जिसकी फोटो लेकर हम भटक रहे थे तुम बताओ क्या लगता है?
बात तो सच है, मगन बोला, लग तो रहा है कि वही टैक्सी है। इसकी डिटेल निकलवाओ तो पता चले।
ड्राइवर के पास कोई दस्तावेज या टैक्सी का बैज नहीं मिला शायद कातिल ने सब कुछ निकाल लिया जिससे इसकी शिनाख्त न हो सके। देशमुख बोला, कातिल प्रोफ़ेशनल लग रहा है। कोई पुराना खिलाड़ी!
मगन बोला, अगर ये वही टैक्सी है और ये उसी दिन का किस्सा हुआ जब सियान ने सेल्फी ली थी तो ये काम सलाहुद्दीन का भी हो सकता है।
देशमुख भी सहमति में सिर हिलाने लगा।
उसने टैक्सी की नेमप्लेट की जानकारी परिवहन विभाग को देकर तुरंत जानकारी देने को कहा। सामने से शीघ्र जानकारी देने की बात कहकर फोन रख दिया गया। दस मिनट प्रतीक्षा करने के बाद देशमुख का पारा चढ़ने लगा तो उसने फिर फोन लगाया, अबकी बार किसी महिला ने फोन उठाकर फिर नए सिरे से बातें करनी शुरू की।
हे भगवान! देशमुख माथे पर हाथ मारता हुआ बोला, इस देश का कुछ नहीं हो सकता। ये सरकारी कछुए भट्ठा बैठा देंगे।
क्या कहा सर? महिला ने सामने से पूछा, देशमुख ने बिना कुछ कहे फोन रख दिया। उसकी समझ में आ गया था कि बिना परिवहन कार्यालय गए उसका काम नहीं हो सकता। वह परिवहन कार्यालय की तरफ रवाना हो गया जो पहले अंधेरी में ही स्थित था जो वर्सोवा से काफी निकट था लेकिन अब वह दहिसर में स्थानांतरित हो चुका था जो वहाँ से लगभग 15 किलोमीटर दूर था।


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