नया संकल्प
नया संकल्प
बेटे की असमय मौत से निराश हो वो दोनों अपने जीवन का अन्त करने का निश्चचय कर मन्दिर की सीढ़ियाँ चढ़ ईश्वर से क्षमा याचना करने के लिये ज्यों ही घन्टा बजाने चले किसी नवजात शिशु के रुदन ने उनके हाथ रोक दिये और वो मुड़ कर उस आवाज की ओर देखनें लगे।
कोई वहाँ पास में ही अपने नवजात शिशु को रख कर चला गया था। उन्हें लगा मानों ईश्वर ने उनकी फुलवारी में खिलने बढ़ने के लिये ही उसे भेजा हो। उसे गोद मे ले कर वो दोनों वापस घर आ गये। ईश्वर नें उन्हें जीवन जीने की नयी दिशा दिखा दी थी।
उस नवजात को घर लाते समय मन ही मन उन्होंने समाज के बिखरे हुये फूलों को सहेज कर उनके पालन पोषण का नया संकल्प ले लिया था। अब उनकी फुलवारी में एक नहीं बहुत सारे पुष्प पल्लवित हो रहे थे।