तसल्ली
तसल्ली
मि. दत्त का आँख का ऑपरेशन था। ऑपरेशन से पहले कुछ दवाएं देने आई तो देखा कि मि. दत्त कुछ परेशान हैं। नर्स को लगा कि ऑपरेशन के बारे में सोंच कर नर्वस हैं। उसने समझाया,
"घबराइए नहीं सर डॉ. खान माने हुए सर्जन हैं।"
मि. दत्त को ऑपरेशन की चिंता नहीं थी। उनकी निगाहें दरवाज़े पर लगी थीं। तभी उनकी पत्नी जो घर से कुछ आवश्यक सामान लेने गई थीं लौट आईं।
उन्हें देखते ही मि. दत्त की परेशानी दूर हो गई।