बिग बॉस
बिग बॉस
हमारी चार लोगो की टीम है, समाज सेवा के काम के लिये, उसमें हमारे टीम के बिग बॉस है वर्मा साहब।
कुल मिलाकर पाँच लोग। बहुत ही अनुसाशित है, बिग बॉस जब भी जहाँ पहुँचना होता है समय से पहुँचते हैं।
कोई भी परेशानी हो, हर काम में सीधे बिग बॉस को फोन करो, सारी मुसीबतों का समाधान बिग बॉस के पास है।
एक बार हम बात कर रहे थे कि अपने बारे में बताने लगे कि आप को हमारे बारे में कुछ नहीं पता, हम कितनी परेशानी में जी रहे हैं, कहते कहते आँखें छलछला गयी।
आँखों के आँसुओं को छुपाते हुये बोले कि बेटा अपने बारे में, बीवी अपने बारे में, बहू अपने बारे में, किसी को हमारी जरा भी चिंता नहीं, अगर व्यस्त ना रहे तो मर ना जाये।
हम अवसाद में जी रहे थे, कैसे जीते है किसी को हमारी कोई चिंता नहीं।
हमने कहा, आप ऐसा काहे बोलते हैं, हम लोग है ना आप के लिये।
एक रिटायर्ड अधिकारी है, पुराने डी. एम.भी।
बस परिवार को उनके पेंशन से मतलब है और कुछ भी नहीं।
घर उनका आता है पैसा, फिर अवहेलना काहे।
यह है हमारा समाज है, जहाँ अपने बड़े-बूढ़ों की रेस्पेक्ट नहीं.................