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Brajesh Singh

Abstract

5.0  

Brajesh Singh

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प्रतियोगिता

प्रतियोगिता

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"इस साल पता नहीं इस प्रतियोगिता में कौन जीतेगा।"

"अरे तुम्हें पता नहीं इस बार कोई नया प्रतियोगी आया है। हम सब ने तो उसी पर बोली लगाई है। अरे हर साल तो साले आते रहते है कई सारे नमूने। पर इस बार ये थोड़ा सा नया है अलग है। मतलब कहीं से नही लगता कि इसे हमारी दुनिया मे इस प्रतियोगिता में भाग लेने की जरूरत होगी""अरे होगा ये भी कोई अपराधी या क्रिमिनल अपनी दुनिया मे तभी तो हमारे यहां इस प्रतियोगिता में भाग ले रहा होगा। ऐसे हर 5 साल पर तो एक बार लोग आते हैं"

"अरे नहीं, ये अच्छा आदमी लगता है। इसकी आंखों में सच्चाई है। पता नही ये यहां कैसे आ गया।"

हर 5 साल की तरह इस साल भी इस दुनिया में रेंगने वाली रेस का आयोजन हुआ है। हर 5 साल में यहां एक बार इस रेस का आयोजन होता है। इस दुनिया के हर जगह से लोग ये प्रतियोगिता देखने आते हैं। ये सारे प्रतियोगी बाहरी दुनिया के वो लोग होते हैं जिन्हें नर्क में भेजा जाए या स्वर्ग में वो तय महीन होता इसलिए उन्हें इस दुनिया के लोगों के मनोरंजन के लिए यहां भेज दिया जाता है। इस दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम में काफी लोगो का जमावड़ा है। सब अपनी अपनी बोलिया लगा चुके हैं। 

बंदूक की एक आवाज से ये प्रतियोगिता शुरू होती है। इस प्रतियोगिता में अभी 18 लोगों ने भाग लिया है। वो लड़की जिस प्रतियोगी की बात कर रही थी वो अभी सबसे आगे है। उस लड़की को इस लड़के पर भरोसा है कि यही लड़का रेंगने वाली इस जीत में प्रथम आएगा। 

इस प्रतियोगिता में लोग इज़लिये रेंगते हैं क्योंकि इनकी अपनी दुनिया में इनके पीठ, पैर और गर्दन में गोली लगी होती है। बस इस प्रतियोगिता में भाग लेने की एक यही शर्त हैं । ब्रह्मांड में ऐसे कई ग्रह है जहां जीवन हैं। और वहां के सबसे शातिर जीव कभी न कभी ऐसी स्थिति में जरूर पहुंचते है जब उनके पैर में पीठ में और गर्दन में गोली लगती है। ऐसी अवस्था मे तो कई लोग मर जाते हैं पर कुछ रेंगते है और रेंग कर आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं। ये प्रतियोगिता इनके इसी रेंगने पर आधारित होती है।

"मैं कहती थी न वही जीतेगा। अभी तक प्रतियोगिता में सबसे आगे वही रेंग रहा है।"

"हां पर रेस अभी बाकी है कुछ भी हो सकता है"

"अरे ये क्या ये तो बीच में रेंगते रेंगते रुक गया"

"हां पता नही क्या हुआ। इसे रुकना चाहिए। ये नहीं हार सकता'।

रेस खत्म हुई। उस रेस में उस दिन कोई नहीं जीता। सब एक एक करके अपनी जगह से गायब हो गए थे। निर्णायक मंड़ल ने ये घोषित करके की किसी विशेष परिस्थिति में इन सबको नर्क या स्वर्ग में जगह दे दी गयी है प्रतियोगिता स्थगित कर दी और सबको उनकी बोली के पैसे लौटा दिए। 

"पता नही वो बीच मे सबसे आगे होकर भी कैसे रुक गया। मैंने इस से पहले कभी किसी को ऐसे रेंगते नहीं देखा था"

उस समय से कुछ पहले पृथ्वी नामक किसी ग्रह के एक जगह पर।

"मैंने तुमसे कहा था न, की मैं नही तो कोई नहीं। उस से सच्चा प्यार सिर्फ मैं करता हूँ। सिर्फ मैं, तुम्हें उसके जीवन में आने की कोई जरूरत नहीं। अभी चाहूँ तो यहीं तुम्हें मार दूं।"

"वो तुझसे कभी प्यार करती थी। अब नहीं करती। इसलिए निकल जा यहां से। उसे तेरी रत्ती भर फिकर नहीं है। मरने मारने की धमकी मत दे। मेरी हाथ में सच मे पिस्तौल हैं एक गोली तुझे दो मिनट में यहां से दूर किसी नरक में भेज सकती है।

"चला गोली। चला ना साले"

इतना कहकर वो उसे एकलात मारता है और पास जमीन पड़े एक पत्थर को उठाने चला जाता है। किसी का बोझ उठाना बहुत ही बड़ी बात है। चाहे वो दिल का बोझ हो या जमीन पर गिरे किसी पत्थर का। वो जमीन से एक पत्थर का बोझ उठा ही रहा था कि उसके पैरों पर गोली लगी। वो धड़ से जमीन पर गिर गया। उसने पीछे मुड़ के देखा तो पाया कि उस शख्स के हाथ में बंदूक थी। वो उठने की कोशिश करता उस से पहले एक गोली उसके पीठ पर लगी। वो वहीं उस जगह पेट के बल लेटा रहा। वो उस दिन उस दो गोली में ही मर जाता लेकिन उसके सामने उस लड़की का चेहरा आया जिसे वो प्यार करता था। प्यार इंसान को बहुत शक्ति दे देता है। वो उस लड़की को देखकर जोर से चिल्ल्लाया "मैं अभी भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ"। इतना कहकर वो तेजी से रेंगते हुए उस लड़की की तरफ बढ़ने लगा। उसकी रफ्तार धीमी थी फिर भी वो लड़की की तरफ बढ़ रहा था। वो इस रफ्तार से लड़की के पास धीमी गति से पहुंच जाता लेकिन पीछे खड़े लड़के की पिस्तौल से निकली तीसरी गोली उसके गर्दन के नीचे लगी। वो कुछ देर रुका लेकिन अबकी बार वो तेज गति से रेंगते हुए लड़की के पास पहुंचने की कोशिश करने लगा। वो इस गति से लड़की के पास बहुत जल्दी पहुंच जाता लेकिन एक बार फिर उसे गोली लगी। अबकी बार गोली उसे माथे पर लगी थी। उसके प्राण उड़ते और वो मर जाता उस से पहले उसने देखा कि अबकी बार गोली उसके सामने खड़ी लड़की के बंदूक से निकली है। वो उस समय मरा नहीं। हार गया। उसकी सांसें तब उखड़ी जब उसे पता चला कि वो हार गया है।

वो अपने जीवन की आखिरी दौड़ हार चुका था।


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