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Rohit Verma

Others inspirational tragedy fantasy

5.0  

Rohit Verma

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परिवार

परिवार

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एक समय की बात थी। एक दीपक नाम का युवक जिसके घर मे तीन बच्चे और पत्नी थी, घर की जिम्मेदारी उसके हाथों मे थी। 

पत्नी के अवैध संबंध के बारे में पति को भनक नहीं थी।  वह केवल घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने बारे में सोचता। 

पर दीपक की पत्नी वासना में बहक जाती है। 

किशोरी (दीपक की पत्नी) -आप मुझे सिनेमा दिखाने ले जाओगे,

दीपक-मैं कैसे लेकर जाऊँ इतना पैसा तो नहीं हैं। 

दीपक एक दिन नौकरी से आ ही रहा होता तो दीपक अपनी किशोरी पत्नी को गैर मर्द के साथ सिनेमा हॉल से निकलते हुए देख लेता है । 

घर पर आकर किशोरी और दीपक की बहस हो जाती है, इसी दौरान बच्चे इसी लड़ाई का हिस्सेदार हो जाते है। 

अब दीपक को किशोरी से तलाक चाहिए था, पर किशोरी ने बच्चे रखने से साफ-साफ इनकार कर दिया क्योंकि वह वासना में बहक गई थी। 

10 साल बीत जाने के बाद बच्चे बड़े हो गए किशोरी अब वह शर्मिंदगी महसूस कर रही थी, पर दीपक बच्चों के अच्छे भविष्य के कार्य करता गया वह सफल भी रहा। 

शिक्षा-"रिश्तों मे खटास हो तो वो टूट ही जाते हैं।" 



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