मेरी पहचान मेरे पापा
मेरी पहचान मेरे पापा
मेरी मम्मी मुझे डाँट रही थी
तभी मुझे किसी के हँसने की आवाज़ सुनाई दी
वो मेरे पापा थे
किसी को मेरी ग़लत बात पे मारने, चिल्लाने की जगह
समझते हुए देखा
वो मेरे पापा थे
जब मै सुबह सो के उठा तब मैने किसी को
थक कर भी काम पर जाते हुए देखा
वो मेरे पापा थे
अपनी खुशी को मार कर मेरे लिए किसी को जीते देखा
वो मेरे पापा थे
किसी को पुराने कपड़े पहन कर मेरे लिए नये कपड़े लाते हुए देखा
किसी को पुराने कपड़े पहन कर भी मेरे नये कपड़े की तारीफ़ करते हुए देखा
वो मेरे पापा थे
मै तो सिर्फ़ अपनी खुशियों मे खुश होता हूँ
किसी को अपने गम भुला कर मेरे खुशियों मे शामिल होते हुए देखा
वो मेरे पापा थे
किसी को बिना बोले प्यार करते हुए देखा
किसी को मेरे तरक्की पे गर्व करते देखा
वो मेरे पापा थे
किसी को मेरी खुशियों के लिए दिन रात मेहनत करते हुए देखा
वो मेरे पापा थे
मै जब बाहर नौकरी करने जा रहा था तब मै बहुत खुश था
पर कोई अंदर ही अंदर मुझसे भी आधिक खुश था
वो मेरे पापा थे
मै जब बीमार था तब रो रहा था
पर मुझसे भी अधिक आंसू कोई और बहाए जा रहा था ,
वो थे पापा
कोई मेरा पेट भरने के लिए
भूके पेट सो रहा था
वो मेरे पापा थे
किसी को कोई उमीद ना होते हुए भी
मुझे सही राह दिखाते हुए देखा
वो मेरे पापा थे
मै तो रात मे खाना खा कर सो जाता था
पर किसी को काम से
थक कर आने के बाद मैने खाना खाया की नही पूछते हुए देखा
वो मेरे पापा थे
किसी को थक कर भी मुझे अपने
कंधे पे मेला घूमाते हुए देखा
वो मेरे पापा थे
शायद मै उनके इन अहसानो
को भूल गया था
लेकिन कोई बिना स्वार्थ अपने फ़र्ज़ को निभा रहा था
वो मेरे पापा थे
मैने कभी उनकी फ़िक्र नही की
लेकिन कोई बिना स्वार्थ मेरे लिए
मेरी खुशियों के लिए, मै ठीक हूँ की नही
इस फ़िक्र मे जिया जा रहा था
वो मेरे पापा थे
कोई अपना खाली होकर भी मेरी
खुशियों की झोली भरता जा रहा था
वो मेरे पापा थे
मैने बेटे होने का फ़र्ज़ कभी नही निभाया लेकिन
कोई पिता शब्द को सार्थक बनाए
जा रहा था
वो मेरे पापा थे