Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Ashish Kumar Trivedi

Drama

5.0  

Ashish Kumar Trivedi

Drama

घाव

घाव

3 mins
490


वरुण ने अखबार में एक खबर पढ़ी। एक पचपन साल के आदमी को पॉस्को एक्ट के तहत सजा सुनाई गई। उस आदमी ने अपने पड़ोसी के नौ साल के बेटे के साथ दुष्कर्म किया था। 

खबर पढ़ कर वरुण के दिल में वर्षों से दबा कर रखा गया दर्द उभर आया।

वह दस साल का था। अपनी चॉल के कंपाउंड में साथियों के साथ क्रिकेट खेलता था। वह अच्छा बल्लेबाज था। जब भी बल्ला लेकर उतरता था तो उसे आउट करना मुश्किल हो जाता था।

वरुण के इस टैलेंट की कद्र करने वाला एक ही शख्स था नीरज। सब बच्चों की तरह वरुण भी उसे दादा कह कर बुलाता था। नीरज हमेशा उसकी हौसला अफजाई करता रहता था। 

वरुण के माता पिता नहीं थे। वह अपने मामा के घर रहता था। जहाँ उसकी हैसियत परिवार के सदस्य की ना होकर मजबूरी में अपनाए गए मेहमान से अधिक नहीं थी। इस स्थिति में नीरज का दोस्ताना व्यवहार प्यार के लिए तरसते वरुण के लिए वही मायने रखता था, जो कि सूरज की धूप से तपती भूमि के लिए बारिश की बूंदें रखती हैं। 

नीरज कॉलेज की पढ़ाई करने के लिए गांव से मुंबई आया था। वरुण को जब भी मौका मिलता तो वह नीरज के पास जाकर बैठ जाता। उसके साथ बातें करना उसे अच्छा लगता था। 

एक शाम वरुण की मामी ने बेबात उसे खूब डांटा और घर से निकाल दिया। मामा भी कहीं बाहर गए थे। वरुण बहुत दुखी था। वह नीरज के पास गया। पर वह भी घर पर नहीं था। वरुण उसके कमरे के दरवाज़े पर ही बैठ‌ गया। बैठे बैठे उसकी आँख लग गई। 

किसी ने उसे हिला कर जगाया।

"वरुण यहाँ क्यों सोया है ?"

वरुण ने आँख खोली तो नीरज सामने खड़ा था।

"दादा मैं आपसे मिलने आया था। मामी ने बिना बात मुझे डांट कर निकाल दिया। मामा भी बाहर गए हैं।"

"ओह...."

कह कर नीरज ने दरवाज़े पर लगा ताला खोला और उसे भीतर आने को कहा। वरुण अंदर चला गया। नीरज हाथ पांव धोने चला गया। जब वह लौट कर आया तो बोला।

"मैं तो बाहर से खाकर आया हूँ। तुझे भूख लगी हो तो पावरोटी है। खा ले।"

वरुण के खा लेने के बाद नीरज बोला।

"मामी तो बंद करके सो गई होगी। तू यहीं सो जा।"

वरुण फर्श पर चटाई डाल कर लेट गया। वह मन ही मन सोच रहा था कि नीरज दादा कितने अच्छे हैं। अगर वो ना होते तो रात भर भूखा वह‌ कहाँ भटकता। नीरज के लिए मन ही मन कृतज्ञता दिखाते हुए वह सो गया। 

रात को अचानक उसकी आँख खुली तो उसने ‌महसूस‌ किया कि नीरज उसके पास लेटा है। पर वह जो करने की कोशिश कर रहा था वह वरुण को अच्छा नहीं लगा। विरोध करने पर नीरज ने कस कर घुड़क दिया।

उस रात नीरज का बहुत ही वीभत्स रूप देखने को मिला। वरुण की मामी उसे पसंद नहीं करती थी। उसे हमेशा दुत्कारती थी। उसे दुख होता था। लेकिन बड़े भाई के चोले में नीरज ने जो किया उसने वरुण को कभी ना भरने वाला घाव दिया था। जिसका दर्द वह आज भी झेल रहा था।

वरुण सोचने लगा कि ऐसे लोग सिर्फ मासूम बच्चों का शारीरिक शोषण ही नहीं करते हैं। बल्कि ये उनके बचपन की हत्या कर देते हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama