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Mahesh Dube

Thriller

0.2  

Mahesh Dube

Thriller

मकड़जाल भाग 3

मकड़जाल भाग 3

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मकड़ जाल भाग 3

 

             विशाल का मित्र ध्रुव बांठिया काफी संपन्न परिवार का चिराग था। उसके परिवार ने कपड़ों के बिजनेस में खूब नाम कमा रखा था। वे सूती कपड़ों का होलसेल का बिजनेस करते थे। विशाल और ध्रुव बचपन के दोस्त थे और एक ही स्कूल के विद्यार्थी थे, संयोगवश विशाल पुलिस विभाग में भर्ती हो गया था और ध्रुव ने अपना पारिवारिक बिजनेस संभाल लिया था पर दोस्ती बरकरार थी। विशाल अपने ऑफिस में बैठा सोचविचार कर रहा था तभी ध्रुव ने वहाँ कदम रखा। "और हीरो मेरे सुपर मैन! क्या हो रहा है?'' उसने आते ही हांक लगाईं। कौशल मुंह फेरकर मुस्कुराने लगा। विशाल ने नकली आँखें तरेरी। ध्रुव जब भी आता तब इसी तरह बर्ताव किया करता था और ऑफिस स्टाफ को यह बात पता थी। विशाल के सामने पड़ी गठरी को देखकर ध्रुव ने एक ठहाका लगाया और बोला "बेच रहे हो क्या?'' विशाल ने कौशल को आदेश दिया कि ध्रुव को उठाकर हवालात में डाल दे! लेकिन वह मुस्कुराता हुआ बाहर चाय का ऑर्डर देने चला गया। ध्रुव और कुछ मज़ाक करना चाहता था लेकिन विशाल के चेहरे की संजीदगी देखकर रुक गया। फिर उसने पूछा, क्या बात है? विशाल ने उसे सारा माजरा बताया। अब ध्रुव संजीदा होकर उसकी बात सुन रहा था। उसने भी दिलचस्पी सहित उन चीजों को देखना शुरू किया। सोने की चेन को वह ध्यान से देखने लगा। उसमें एक दुर्लभ पेंडल लगा था जिसमें एक गरुड़ पंछी अपने पंजों में सांप को पकड़े उड़ रहा था। जंजीर उठाकर उसने हाथों में तौलने का उपक्रम किया और बोला, दो तोले से कम नहीं है! विशाल ने सहमति में सिर हिलाया। अचानक ध्रुव ने मृतक की कमीज उठाई और बोला, यार! मैं यह कपड़ा पहचानता हूँ। 

विशाल बोला, अरे! कपड़े में ऐसा क्या है? 

ध्रुव बोला, यह बहुत स्पेशल कपड़ा है। इसकी कीमत सुनोगे तो तुम भी फ़्लैट हो जाओगे! 

क्या है कीमत?

चार हजार रूपये मीटर, ध्रुव बोला तो विशाल का मुंह खुला का खुला रह गया।

अरे! कपड़ा इतना महंगा भी आता है क्या? उसके मुंह से निकला

अरे पागल, ध्रुव बोला, कल ही हमारे पास रेमंड्स कंपनी का बना सूट का कपड़ा आया है जिसकी कीमत ढाई लाख रूपये मीटर है। कपड़ा इससे भी महंगा बनता है। क्या तुमने पी एम के दस लाख के सूट की चर्चा नहीं सुनी थी? 

हे भगवान! विशाल बोला, छोड़ो बाबा! मुझे इस कपड़े के बारे में बताओ। तुम इसे कैसे पहचानते हो?

यह बेहद स्पेशल रूचि रखने वालों के लिए बना कपड़ा है। संयोग से यह हमारी कंपनी ने ही सप्लाई किया था इसलिए मुझे इसके बारे में पता है। इसे ज्यादा जगह नहीं दिया गया था। कुछ चुनिंदा दुकानों पर ही भेजा गया था, ध्रुव बोला। 

क्या तुम मुझे उन दुकानों का पता दे सकते हो जहाँ-जहाँ यह कपड़ा भेजा गया था?

जरूर! मैं ऑफिस जाकर मेल करता हूँ। ध्रुव बोला और विशाल से हाथ मिलाकर चल दिया।


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