दामाद का साथ
दामाद का साथ
त्रिवेदीजी की बड़ी बेटी की शादी हो चुकी, छोटी बेटी की भी सगाई होने ही वाली थी, उनका रिटायरमेंट था करीब। इसी बीच पत्नी एका एक सड़क दुर्घटना की शिकार हुई, जिसके कारण पैरों में गंभीर-रूप से संक्रमण हो गया, चिकित्सक पैरों को अलग कर ही उनकी जान बचा पाए।
त्रिवेदीजी को सगाई के खर्च की चिंता सताने लगी, साथ ही ससुराल वालों को शादी की भी जल्दी। अब पत्नी व्हीलचेयर पर होने के कारण अन्य काम करने से वंचित, पर दोनों बेटियों ने की माँ की सेवा, बेटी के हाथों में हाथ-रख दामाद बोले "सब ठीक-ठाक ही होगा।"