Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

भलाई

भलाई

9 mins
498


राजेश रेलवे स्टेशन से बाहर निकला तो रात के करीब दो बजे थे। उसकी ट्रैन तीन घंटे लेट थी नहीं तो वो ग्यारह बजे ही अपने गांव पहुँच जाता। उसके गांव तक आने के लिये यही एक इकलौती ट्रैन थी। राजेश अपने दादाजी और दादीजी के देहांत के बाद पहली बार अपने गांव आया था।

दिसंबर का महीना था। सर्दी अपने पूरे शबाब पर थी, राजेश मन्द मन्द पैरों से अपने दादी दादा जे घर की तरफ चल रहा था। आजादी के इतने दिनों के बाद भी उसके गांव में दिन में भी रेलवे स्टेशन से अपने घर पहुचने के लिये कोई साधन नही था तो रात में कहां से मिलता। राजेश अपने विचारों में खोया हुआ आगे बढ़ रहा था। रेलवे स्टेशन से थोड़ी दूर तक तो बिजली की रौशनी थी लेकिन गांव के रास्ते पर कोई रौशनी नही थी और होती भी कैसे अभी तक उसके गांव में बिजली भी नही पहुंची थी।

उसको देखने में असुविधा हुई तो उसने अपने मोबाइल की लाइट जला ली। अब उसे अपने आप पर भी गुस्सा आ रहा था कि यदि गांव में बिजली नही है तो वो मोबाइल लाया क्यों?

उसने अपने विचारों को झटका और फिर सधे पैरों से चलने लगा ताकि वो किसी गड्ढे में ना गिर जाए। रात में रह रह कर झिंगुरों की तेज आवाजे आ रही थी। वो अपने गांव बहुत दिनों बाद आया था इसलिए उसे रास्ते का भी अंदाजा नही हो रहा था लेकिन वो चले जा रहा था। बीच बीच में पक्षियों की फड़फड़ाने की आवाजें उसे डरा देती थी। इतनी सर्दी में भी उसे ये माहौल देख कर अपने शरीर में पसीने बहते हुए महसूस हो रहे थे।

हिम्मत करके वो बढ़ा जा रहा था तभी अचानक उसने देखा की दूर से दो साये उसकी तरफ आ रहे है अब तो राजेश बुरी तरह डरगया। साये उसके नजदीक आये तो उसने देखा की वो एक 17 या 18 साल की लड़की थी और उसके साथ एक छोटा लड़का था जो शायद 5 या 6 साल का होगा। लड़की के चेहरे पर मुस्कान थी और वो शायद उसे छोटे बच्चे से किसी बात पर बहस कर रही थी।

राजेश के पास पहुँच कर वो लड़की राजेश से बोली-अरे बाबू साहब इतनी रात को कहां से आ रहे हो और कहां जाओगे? राजेश लड़की के प्रश्न से एक दम सकपका गया और बोला -जी में दिल्ली से आया हूँ और पास के गांव में जाऊँगा, ट्रैन लेट थी इसलिय इतना समय हो गया। लड़की उसकी बात सुन थोड़ा मुस्कुराई। अब राजेश को भी थोड़ी हिम्मत आई और उसने भी पूछा-और तुम भी इतनी रात में कहाँ जा रही हो? लड़की थोड़ा हंसी और बोली-बाबू साहब हम भी पास ही के गाँव के है मेरे इस भाई को नींद नही आ रही थी तो हम बाहर निकल आये की चलो रेलवे स्टेशन तक ही घूम आएं। राजेश को उसकी बात पर यकीन नही हो रहा था। "इतनी रात मे ऊपर से कड़ी ठण्ड पड़ रही है?"राजेश ने प्रश्न किया लेकिन लड़की ने अनसुना कर दिया।

अब राजेश ने गौर किया कि उस लड़की ने केवल एक गांव की ड्रेस पहनी थी जिसमे एक ब्लाऊज़, घाघरा और सिर पर एक देसी दुपट्टा था। उसने लड़की से फिर पूछा-इन कपड़ो में तुम्हे ठण्ड नही लगती? तो इसपर लड़की हँसते हुए बोली-अरे बाबू साहब ठण्ड कहाँ है? राजेश ने अपने फोन की रौशनी उसके चेहरे पर डाली तो देखा उसका चेहरा एक दम स्पॉट था और कोई भाव नही थे लेकिन वो बहुत खूबसूरत लग रही थी। उसके छोटे भाई के चेहरे पर भी कोई भाव नही थे। तभी लड़की ने फिर चुप्पी तोड़ी-बाबू साहब जल्दी घर पहुंचो ठण्ड बहुत है। इतना कह वो गई। आगे बढ़

राजेश भी अपने गांव की तरफ बढ़ा। वो दो कदम ही बढ़ा था कि उसने अपने फोन की लाइट से लड़की के जाने वाले रास्ते पर देखा तो पाया कि लड़की और वो बच्चा वहां नही थे। राजेश को अब दोबारा पसीना आ गया।

राजेश मन ही मन भगवान का नाम लेकर आगे बढ़ रहा था। उसने तभी एक बकरी के बच्चे के आवाज सुनी वो दर्द से चिल्ला रहा था। राजेश वो आवाज सुनकर रुक गया। उसने अपने फोन की लाइट उधर मारी तो देखा के एक खाली खेत में एक गड्ढा था जो की शायद नये कुए के लिय खोदा था उसमे से उस बकरी के बच्चे की आवाज आ रही थी। राजेश अब उस लड़की के बारे मे भूल गया और बकरी के बच्चे की आवाज के साथ उस गड्ढे के पास पहुंचा। उसने फोन की लाइट गड्ढे में डाली तो पाया की एक बकरी का छोटा मेमना उसमे गिर गया है और बाहर निकलने की कोशिश में घायल हो गया था। एक बार तो राजेश ने सोचा छोड़ो लेकिन फिर उसने सोचा की यदि इसे यहीं छोड़ दिया तो यह इतनी सर्दी में मर जाएगा। वो अभी गड्ढे के किनारे ही था तो उसे लगा की कोई उसे धक्का देने वाला है, वो तुरंत किनारे से दूर हट गया और पीछे मुड़ा तो देखा की वही लड़की और बच्चा खड़े है | राजेश फिर एक दम सकपका गया। लड़की के सपाट चेहरे पर कोई भाव नही थे। राजेश कुछ कहना चाहता था उससे पहले लड़की बोली – जाओ साहब घर जाओ बहुत ठण्ड हो चुकी है। राजेश ने कहा की यदि वो यहाँ से चला गया तो ये बकरी का बच्चा मर जाएगा। लड़की ने सख्त आवाज में कहा मर जाए तो कोई बात नही तुम तो ठण्ड से अपनी जान बचाओ। राजेश को उस लड़की की ये बात कुछ अजीब लगी | अब उसने अपना बेग नीचे रखा और जूते खोल कर गड्ढे में उतरें लगा | बड़ी मुश्किल से राजेश ने उस मेमने को बाहर निकाला। उसने देखा की वो लड़की और बच्चा वहां नही थे।

राजेश ने अपना सामान लिया और उस मेमने को लेकर किसी तरह अपने गांव पहुंचा। वहां पर उसने देखा की उसके पड़ोस के काका और एक आदमी उसको देखने स्टेशन की तरफ आ ही रहे थे। काका को पता था की में इस ट्रेन से आ रहा हूँ, लेकिन ट्रेन के चले जाने के बाद भी में जब नही पहुंचा तो उन्हें चिंता हो गई थी और वो मुझे लेने स्टेशन पर आ ही रहे थे | मेरे पहुंचने पर काका ने संतोष की सांस ली। राजेश के दादी दादा का घर तो काफी दिनों से बंद था इसलिए वो सोने के काबिल नहीं था तो काका उसे अपने घर ले गये | घर पर रौशनी में राजेश के हाथ में मेमने को देख काका बोले- अरे राजेश इसे कहाँ से पकड़ लाये ? राजेश काका से बातों में इतना व्यस्त था की उसे पता ही नही लगा की उसके हाथ में मेमना भी है। राजेश बोला – काका इसी की वजह से तो लेट हो गया ऊपर से वो लड़की और छोटे बच्चे ने टाइम ख़राब कर दिया। काका बोले-राजेश में समझा नही तुम्हारी बात ? काका अब थोडा सतर्क लग रहे थे। राजेश ने काका को सारी बात बता दी की किस तरह से उसने मेमने की जान बचाई और किस तरह से वो लडकी और छोटा बच्चा उसे रास्ते में मिले। काका थोडा चुप होकर बोले- वो लड़की दिखने में कैसी थी ? काका की आवाज में थोडा डर था। राजेश ने बता दिया। अब काका ने तुरंत अपने घर का दरवाजा बंद कर लिया और मेमने को उसके हाथ से लेकर अपने बंधे पशुओं के साथ बाँध दिया। काका ने राजेश को चारो तरफ से देखा और उसे बेठने को कहा। राजेश ने अपना बेग एक तरफ रखा और अपने फ़ोन की लाइट ऑफ कर दी। उसने पुछा – काका आप इतने घबरा क्यों रहे हो ? काका ने तुरंत जवाब दिया – राजेश आज तुम अपनी इस भलाई की वजह से बच गए जिसमे तुमने इस मासूम मेमने की जान बचाई वर्ना वो लड़की तुम्हारे साथ कुछ भी गलत कर सकती थी। अब राजेश को भी थोड़ी घबराहट हो रही थी। तब तक काका का पोता चाय बना लाया था और उस ठण्ड में उसकी जरूरत भी थी। काका बोले – राजेश वो लड़की और बच्चा हमारे ही गाँव के थे। राजेश ने तुरंत कहा थे मतलब, क्या अब वो यहाँ नही रहते ? इस पर काका ने बताया की वो लड़की और बच्चा तुम्हारे घर के पास वाले घर के रहने वाले नाथू काका के बच्चे थे जो की अब इस दुनिया में नही है। राजेश ने तुरंत पुछा नही है मतलब? तो काका ने बताया की उन दोनों की मौत हो गई है और में कहूं की नाथू काका और उसके पुरे परिवार की मौत हो गई है। राजेश ने उनकी मौत का कारण पुछा तो काका ने बताया की नाथू और उसके बच्चे जब मरने वाले थे तो उनको लगता था की उनकी मौत तुम्हारे दादा जी की वजह से हुई है और वो इसका बदला लेंगे। राजेश ने काका से विस्तार से बताने को कहा। काका बोले हुआ यूं था की तुम्हारे दादा ने बहुत सालो पहले अपना घर बनवाया था और उसके लिय उन्होंने जब नीव खुदवाई तो तुम्हारे घर के पास के नाथू काका के घर में दरार आ गई थी और उसके लिय नाथू काका ने तुम्हारे दादाजी से उसे ठीक करने को कहा क्योंकि दरार नीव खोदने की वजह से आई थी। तुम्हारे दादा ने कहा की अभी उनके घर की नीव खुद रही है जब प्लास्टर का काम होगा तो उनका घर भी रिपेयर करा देंगे लेकिन तब तक बारिश शुरू हो गई थी और नाथू काका का घर गिर गया जिसमे सारा परिवार दब गया और उन्होंने मरते मरते तुम्हारे दादाजी और तुम्हारे पूरे परिवार से बदला लेने की बात कही थी उस हादसे में उस लड़की और बच्चे की मौत दर्दनाक हुई थी और तभी से उनकी आत्मा इस गाँव में भटकती रहती है। काका थोड़े चुप होकर फिर बोले – तुम्हारे दादाजी और दादीजी तो बुजुर्ग थे अत: वो अपनी मौत मर गए लेकिन तुम्हे गाँव में आये देख उस लड़की ने तुम्हे शिकार बनाने की कोशिश की लेकिन तुम्हारी भलाई के आगे शायद वो हार गई। राजेश उनकी सारी बाते ध्यान से सुन रहा था | उसके शरीर में सिहरन सी दौड़ गई थी लेकिन उसे अब डर नही लग रहा था बल्कि उस लड़की के परिवार के प्रति सहानुभूति हो रही थी।

पौ फट चुकी थी और उजाला होने लगा था। राजेश ने काका से उसे गांव में बुलाने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया की उसे गांव की उनकी जमीन के कागज बनवाने के लिय बुलाया है।

राजेश ने थोडा विश्राम किया। सुबह उठ कर वो काका को लेकर नाथू काका के घर गए, जो अभी भी गिरी हुई हालत में था। उसने वहां प्रार्थना की और नाथू काका और उसके परिवार का आवाहन करते हुए कहा की यदि उसके दादाजी और उससे कोई गलती हुई हो तो उन्हें माफ़ कर दें। उसके बाद राजेश ने अपने काका से उस जगह नाथू काका और उसके परिवार का एक स्मारक बनाने की बात कही तो दूर आसमान में सूरज की पहली किरण राजेश पर पड़ी जैसे नाथू काका का परिवार और वो लड़की कह रही हो की चलो तुम्हे माफ़ किया।

उस दिन के बाद से उस लड़की को गांव वालो ने नही देखा था। राजेश ने भी उनका स्मारक बनवा दिया था।

राजेश अब अपने गांव बिना डरे आता जाता रहता।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama