गलती पीठ की तरह होती है
गलती पीठ की तरह होती है
राहुल और रति की शादी हुई। राहुल रति को अपने साथ हैदराबाद ले आया, रति भी खुब खुश थी।
एक साल मैं दोनों का प्रमोशन हो गया। रति के बेटी हुई और राहुल भी ऐ ग्रेड आफिसर हो गया। अकसर बाहर जाना होता। रति ने भी बेटी के लिये आया रख ली और नौकरी कर ली।
नौकरी के साथ दोनों व्यस्त रहने लगे। जरा जरा सी बात पर बेटी और घर के ध्यान को लेकर झगड़े शुरु हो गये। एक दूसरे पर दोष देते रहे। अपनी गलती तो किसी को भी महसूस नहीं हुई। ये नहीं पता कि दूसरे को ऊंगली दिखाने से तीन उंगली अपनी तरफ भी होती है। गलती मानने को, बात खत्म करके, आगे अच्छी शुरुआत को कोई तैयार नहीं था।
बात तलाक तक आ गयी। सच ही कहा है गलती अपनी पीठ की तरह होती है दिखती नहीं।