Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

बेमेल विवाह

बेमेल विवाह

3 mins
5.5K


पूरे गाँव में चर्चा थी डॉक्टर की शादी की,आखिर गाँव से पहला डॉक्टर वकील साहब का बेटा ,गाँव में चर्चा ही चर्चा, शादी हो रही थी अनपढ़ केसरी से, सब बोल रहे थे। केसरी की किस्मत बहुत अच्छी है। केसरी की शादी वकील साहब की जोर जबरदस्ती से और केसरी के बापू के दबाव में हो रही थी।अस्पताल का पैसा केसरी के बाबा ने देने का फैसला किया था।व्याह हो गया। केसरी अपने ससुराल में एकलौती बहू थी, डॉक्टर की बीवी बनना उसका सपना था जो पूरा हो चुका था। डॉ सुरेश सुलझे हुए माता पिता को दिल से प्यार करनेवाला इंसान था। पूरे गाँव में पहला डॉक्टर, केसरी से शादी उसके लिए एक समझौता था। माता पिता के ज़ोर देने पे ये शादी हुई थी। केसरी खुश थी बहुत खुश पर शायद डॉ सुरेश उतने खुश नहीं थे।

वो समझौता करते थे हर दिन।

डॉ सुरेश कुछ दिनों के लिए बाहर गए थे। केसरी उनका इंतजार करने लगी।

दस दिन हो गए, डॉ सुरेश नहीं लौटे तो केसरी ने सास से शिकायत की बहुत दिन हो गए डॉ साहब नहीं आये अभी तक। वकील साहब से उनकी पत्नी ने कहा क्या बात है तुम भी कुछ नहीं बोल रहे, ये केसरी सुरेश को पूछ रही है लगातार।

दबाव में ब्याह कर तो दिया पर अब अफसोस होता है सुरेश की माँ, गाँव वाले हँसते हैं बोलते हैं बिन लगाम घोड़ी पकड़ा गए केसरी के बापू। वकील बाबू कुछ चुप चुप थे। डॉ सुरेश 15 दिन से ज़्यादा के लिए फॉरेन टूर पर गए थे। वक़ील साहब ने समझाया केसरी को की सुरेश जल्दी लौटेगा पर केसरी को वो बात समझ नहीं आती थी उसे लगा सब झूठ बोल रहे, डॉ सुरेश उससे प्रेम नहीं करते थे, इस बात का अंदाजा था केसरी को। केसरी ने घर में कलह शुरू कर दी, बर्तन फेंकना, खुदकुशी की धमकी देना और पुलिस बुलाना ये बातों से वो अक्सर अपने सास ससुर को डराती थी।

एक महीना बीत गया जब डॉ सुरेश नहीं लौटे तो एक दिन केसरी के पिता और भाई लड़ने आ गए। बहुत बहस हुई वकील साहब से, केसरी के भाई ने धमकी दी कि जल्दी बुलाएं डॉ सुरेश को वरना बुरा होगा। वकील साहब ने उन लोगों को समझाया कि बेटा बहुत बड़े ट्रिप पे गया है ऐसे नहीं बुलाया जा सकता है लेकिन उन लोगों को वो बात समझ नहीं आ रही थी। डॉ सुरेश ने केसरी से एक दो बार फोन पे बात की और जल्द आने को बोला।

धीरे धीरे डॉ सुरेश अपने काम में वयस्त रहने लगे केसरी से वो रिश्ता निभाना चाहते थे, प्यार नहीं।

केसरी ने अपने घर में सबको बताया कि डॉ सुरेश के पास उसके लिए समय नहीं रहता। वो ध्यान नहीं देते कहीँ ले नहीं जाते, उसका फोन नहीं उठाते, प्यार नहीं करते। डॉ सुरेश के घर में रोज़ लडाई होने लगी थी, पूरा गाँव हंसता था बातें बनाता था।

कुछ दिन बाद केसरी के भाई पुलिस लेके वक़ील साहब के यहाँ पहुँच गए, दहेज उत्पीड़न का झूठा केस दर्ज हो गया था। वक़ील साहब और उनकी पत्नी को पुलिस ले जा चुकी थी।डॉ सुरेश ने कई दिनों तक पुलिस वालों से, वकीलों स बात की पर बात नहीं बनी। वक़ील साहब की हालत बहुत खराब हो गई थी। उधर केसरी घर में रहके डॉ सुरेश से विदेश में बाहर घूमने जाने के पीछे लड़ रही थी।

एक दिन उस लड़ाई झगड़े में वकील साहब को अटैक आया और वो दुनिया को छोड़ के चले गए। डॉ सुरेश ने अपना घर केसरी के नाम कर दिया और बिना तलाक के माँ को लेकर गाँव के पास रहने लगे, केसरी उसी घर में अकेली रहती थी।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Classics