रिश्ता अहसास का
रिश्ता अहसास का
सुल्तान और नीरा आस - पास के बेड पर लेटे हुए थे।
सुल्तान के खून से भरी बोटल बूँद- बूँद करके नीरा के शरीर में प्रवेश कर रही थी।नीरा अभी अचेत थी। डॉक्टर के अनुसार जल्द ही उसे होश आ जाएगा।सुल्तान ने उठना चाहा तो हल्का सा चक्कर आ गया।
दो बोटल खून देने का कुछ तो असर होगा ही सुल्तान मियां मन ही मन सोचते हुए हँस पङ़ा सुल्तान।
तभी देखा, एकता तमाम दवाइयां, जूस आदि लेकर आ गई थी।
" कैसे हो सुल्तान, कहते हुए उसने जूस का ग्लास सुल्तान की ओर बढ़ाया।"
" तुम भी ले लो, पिछले तीन घन्टे से भाग - दौङ़ कर रही हो।
" ले लूँगी, बस दुआ है नीरा को जल्दी होश आ जाये।
" आ ही जाएगा, जिसकी दोस्त तुम्हारे जैसी हो उसका बाल भी बांका नहीं हो सकता ," सुल्तान ने जूस का घूँट भरते हुए कहा।
" हाँ ....पर तुम अपनी देखो., कहाँ तो मेरे आभासी दोस्ती का मजाक उड़ाते थे और कहाँ....."।
" अरे हाँ, वो अलग बात है, पर अब तो मेरा तो नीरा के साथ खून का रिश्ता हो गया मैडम," एकता की बात काटते हुए सुल्तान ने कहा।
" बिल्कुल, वही तो मैं भी कहती हूँ सुल्तान.... अब नीरा और मेरी दोस्ती को ही देख लो , पाँच साल से हम फेसबुक फ्रेंड हैं।कभी- कभी फोन पर बात हो जाती है।दोनों की रूचियाँ मिलती है बस..."।
"आज तक मिले नहीं थे हम। आज वो नोयडा आई और हमारे मिलने से पहले ही इस एक्सीडेंट का शिकार हो बैठी।
"शुक्र है परवरदिगार का कि हमें समय पर पता चल गया और हम यहाँ पहुँच गये वर्ना पता नहीं क्या होता " एकता के शब्दों से गहरे दुख की अनुभूति हो रही थी।
"होता तो वही है , जो मंजूरे खुदा होता है " कहते हुए सुल्तान ने दुआ के लिये हाथ उठा दिए।
" हाँ वो तो है, देखो ये भी तो एक संयोग ही है कि तुम मेरे साथ चले आये।
" अस्पताल में नीरा का ब्लड ग्रुप नहीं था और संयोग से तुम्हारा खून भी मैच हो गया नीरा से " कहते हुए एकता की आँखें चमक उठी।
" बिल्कुल इंसानियत भी तो कोई चीज होती है " सुल्तान ने कहा।
" वही तो ....।जैसे इंसानियत सबको जोङ़ती है वैसे ही आभासी दुनिया भी सबको जोङ़ती है।आभासी दुनिया के रिश्ते भी अहसास से जुङ़े होते है।रंग , जाति , मजहब से परे सिर्फ और सिर्फ अहसास के रिश्ते।"
" बिल्कुल मैं भी सहमत हूँ आपकी बात से....रिश्ते तो दिल के होते हैं " मानो तो देवता , नहीं तो पत्थर ...." प्रवेश करते हुए डॉ भार्गव ने कहा और नीरा का मुआयना करने लगे।
एकता और सुल्तान दुआ करने लगे।