कुर्बानी
कुर्बानी
पति सेना में है , इस बात की राधा को बहुत खुशी है , शादी तय हुई तभी माँ ने बताया कि लड़का माधव सेना में है , घर परिवार सब बहुत बढ़िया है । राधा की खुशी का ठिकाना न था वह खुद भी चाहती थी कि उसे ऐसा पति मिले , जिसे अपने देश से बहुत प्यार हो और देश के लिए मिटने का जज्बा जिसके अंदर हर घड़ी हो ।आज उसका सपना पूरा हो गया ।
शादी के चंद महीने बहुत हँसी -खुशी बीते । अब पति को अपने काम पर वापिस जाने का समय भी आ गया था उसने जाते हुए कहा- " राधा सरहद पर युद्ध शुरू हो रहा है मेरा बुलावा भी आ गया है , तुम जानती हो हम सैनिकों के लिए यह समय केवल देश के बारे में ही सोचने का है , अपने वतन की खातिर हमें अपनी जान भी देनी पड़ सकती है , तुम अपना और मेरे माता पिता का ख्याल रखना ।"
"आप बेफिक्र होकर जाइये मैं एक सैनिक की पत्नी हूँ अपना कर्तव्य भली प्रकार जानती हूँ। "
माधव के जाने के बाद राधा अपने सास ससुर के साथ अपने दिन काट रही थी तभी उसे महसूस हुआ उसके अंदर एक जान और पल रही है खुशी के मारे वह झूम उठी पर अगले ही पल समाचार मिला पति सरहद पर लड़ते हुए शहीद हो गया, उसका मन ग़मगीन हो उठा, पर सास -ससुर ने उसे सम्भाला ।
चार दिन बाद पति के अंतिम दर्शनों के लिए भीड़ उसके घर पर थी , बस उसी पल राधा को अहसास हुआ कि इस देश के लिए पति ने जो कुर्बानी दी है उसे वह व्यर्थ नही जाने देगी अपने होने वाले बच्चे की अच्छी परवरिश कर उसे भी सैनिक ही बनाएगी ताकि भारत माँ के वीर सपूतों का जन्म होता ही रहे और वे हर समय उसकी रक्षा के लिए तत्पर रहें । यही उसके पति की कुर्बानी का सही मतलब होगा । आज राधा के माता पिता और सास ससुर
भी गौरान्वित हो उठे अपनी राधा के इस निर्णय पर ।
आज राधा जैसी न जाने कितनी माएँ हैं जो देश पर कुर्बान करने हेतु ही अपने बच्चे को जन्म देती हैं उनके इस जज्बे को हमारा नमन ।