प्रतिभावान विद्यार्थी
प्रतिभावान विद्यार्थी
सुनील : पहले शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ने-लिखने और अच्छा ज्ञान रखने की सीख देते थे ताकि हम सब बेहतर इंसान बनने की दिशा में आगे बढ़े। "आजकल तो कॉलेज हो या कोचिंग के शिक्षक हो, चंद पैसों की ख़ातिर अपना ईमान तक खो देते हैं माँ।"
माँ : "अगर मैं शिक्षिका होती" बेटा, विद्यार्थियों को उचित पढ़ाई-लिखाई के साथ, अच्छे संस्कारों का पाठ पढ़ाते हुए समझाती, सबसे ऐसे व्यवहार करो जैसे अपने दिल से करते हो। कोशिश यही करो, किसी के दिल को ठेस ना पहुँचाते हुए सबके प्रति विनम्र रहो, तभी आदर्श प्रतिभावान विद्यार्थी बनोगे।