लाइन में लगा सारा जहान है
लाइन में लगा सारा जहान है
लाइन में लगा सारा जहान है
कहीं भी चले जाओ लाइन ही लाइन है
बैंक में जाओ तो लाइन
रिक्शा स्टैंड पर लाइन।
बिजली बिल भरने जाओ तो लाइन
रेल टिकट लेने जाओ तो लाइन
राशन लेने जाओ तो लाइन
हॉस्पिटल जाओ तो लाइन।
जहाँ भी नजर घुमाओ कोई ना
कोई लाइन मिलेगी ही
आबादी इतनी बढ़ गयी है कि
लाइन खत्म नहीं होती।
जाने कैसे लाइन में खड़े हो जाते है लोग
मुझे तो मिगर्ने का प्रॉब्लम हो जाता है
लाइन में खड़े होने के बारे में सोचती भी नहीं
पर फिर भी कभी कभार
लाइन में खड़ा होना पड़ता है।
तब चिंता सताने लगती है कि
कहीं चक्कर ना आ जाये
इस लाइन के चक्कर मे बीमार ना हो जाऊं
जाने कैसे कैसे खयाल आते हैं।
गुस्सा आता है उन कर्मचारियो पर
जो अपना काम धीरे धीरे करते है
या जान बूझकर इधर उधर भटकते हैं
और लाइन में खड़े लोगो की
परेशानी नहीं समझते।।