वक़्त के साथ
वक़्त के साथ
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कवि चाहे
जो लिख दे
अपनी भड़ास
निकाल दे
कविता
लिखने से
समस्याएं
हल नही
होती है
कहने से
बोलने से
चिल्लाने से
कुछ नही
होता है
लिखने से
न नियति
बदलती है
न वक़्त ही
बदलता है
लिखना कवि
का काम है
लिखते रहो
ज़ोश मे होश
खोने की
गलती
मत करो
वक़्त जैसा
चल रहा है
वक़्त के साथ
बस चलते रहो