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" वक्त की मार"

" वक्त की मार"

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मत करो गुरूर अपनी ताक़त का,

कब कमजोर हो जाओगे , किस

को पता भी नही चलता ।


मत करो घमंड अपने अच्छे वक़्त का

कब वह वक्त हाथ से निकल जाएगा ,

किसी को पता भी नही चलता !


अच्छा भले ही न करो,

बुरा कभी मत करना ,

कब खुद का बुरा हो जाय

किसी को पता भी नही चलता !


मत करो भरोसा,

किसी इंसान पर ज्यादा

वक्त के साथ इंसान की नियत कब बदल जाय,

किसी को पता भी नहीं चलता !



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