Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

कुछ मुस्कराते हुए चेहरें

कुछ मुस्कराते हुए चेहरें

1 min
1.4K


कुछ गम और खुशियों को आते जाते देखा हैं,

मैंने कुछ चेहरों को मुस्कराते हुए देखा है।

चुपके से चुराया था कुछ लम्हों को,

खुशियों में मुस्कराते चले गए थे जो,

आज उन्हें तस्वीरों में छलकते देखा हैं ।

मैंने कुछ चेहरों को मुस्कराते हुए देखा है।


कई दर्द थे गुलिस्तान -ए बहार में,

बस कोशिश थी कि ओले पड़े अंगार में,

नम आँखों को खुशियों से बरसते देखा है।

मैंने कुछ चेहरों को मुस्कराते हुए देखा है


अपने अरमानो को दिल में दबाए रहते हैं,

गैरो की ख्वाहिशों में खुद जीते रहते हैं,

हर चेहरों को पल में बदलते देखा है।

मैंने कुछ चेहरों को मुस्कराते हुए देखा है।


रोते हुए चेहरों को हँसाना भी क्या कम है!

मुस्कराहटों के पीछे छुपा हुआ भी गम हैं,

कैद पंछी को पिंजरे से उड़ते देखा है।

मैंने कई चेहरों को मुस्कराते हुए देखा है।


कर ले जतन तू भी एक नाम कमाएगा,

आज जीले कल तो मर ही जाएगा,

सुख - दुःख की बनी सारी रेखा हैं।

हाँ मैंने कुछ चेहरों को मुस्कराते हुए हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama