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क्या तुम्हें याद है ?

क्या तुम्हें याद है ?

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क्या तुम्हे याद है ? ?

वो पहली बारिश ,

बारिश से भीगी हुई वो शाम ,

जब हम साथ साथ भीग रहे थे ,

और भीग रहे थे पेड़, पौधे, पत्ते, फूल,

और गर्मी से झुलसी हुई धरती । ।

क्या तुम्हे याद है ? ?

वो गरजते हुए बादल ,

वो बिजली की चमक ,

झूम झूम कर बरसती बारिश ,

और तुम्हारे हाथ अपने हाथ में लेकर,

उस पहली बारिश और तुम्हारे प्यार में ,

मैं भीग रही थी ।


आज भी वही बारिश, वही गरजते बादल ,

वही बारिश से भीगती शाम और भीगती हुई मैं ,

पर आज मेरे साथ नहीं हो तुम,

ना तो है तुम्हारी प्यार भरी बातें,

आज तुम नहीं हो मेरे पास ,

है तो कुछ बस प्यार भरी यादें ,

जिसे ये बारिश और मेरे आंसू भीगो रही है ।


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