आवारगी
आवारगी
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तारीफ क्या करूँ ?
तेरी हर नज़्म की
ये इश्क की इबादत
रुबाई है खुदा की
तेरा हर शब्द तेरे
अश्क का बाशिंदा
तेरा हर शेर तेरे
दर्द की किफ़ायत
हर ग़ज़ल ये तेरी
पैगाम रोशनी का
जुगनू सी चमकती
मौजूदगी खुदा की
ये तेरी आवारगी है
या प्रेम की नुमाइश
अदा ये तेरी मस्ती
है जान आशिकों की