Chetan Gondalia
Abstract
हाइकू: झरने
पहाड़ रोए,
भर के आँसू ; तो ही ,
झरने बहे..!
निवृत्त सेनान...
सबसे सच्चा और...
सफर जारी है.....
सूख लगे...
फ़ुरसत
समय बहरा होता...
जरूरी था...
सीख लो..
किये होंगे...
तेरी आशाओं के अनुरुप आगे बढ़, जग में कुछ नए करूँगा परिवर्तन। तेरी आशाओं के अनुरुप आगे बढ़, जग में कुछ नए करूँगा परिवर्तन।
अब तुम्हारे साथ चार कदम चल के भी क्या फायदा। अब तुम्हारे साथ चार कदम चल के भी क्या फायदा।
आठ सात से एक पग आगे, पीछे छोड़ श्वेत भाई को। आदि-शेष से भी जो परे है, ज्ञान से भी जो ना बूझे... आठ सात से एक पग आगे, पीछे छोड़ श्वेत भाई को। आदि-शेष से भी जो परे है, ज्...
किसी के दुख बांट लो मन को खुशी मिल जाएगी खाली पेट इंसान उठता तो है पर खाली पेट सोता नही ... किसी के दुख बांट लो मन को खुशी मिल जाएगी खाली पेट इंसान उठता तो है पर ख...
पल पल साथ चलने वाली जगदंबा- दुर्गा है माँ ..... ! पल पल साथ चलने वाली जगदंबा- दुर्गा है माँ ..... !
बस सीने से लगाकर मुझे सोती है, बच्चे तू ही मेरी अंगूठी का मोती है। बस सीने से लगाकर मुझे सोती है, बच्चे तू ही मेरी अंगूठी का मोती है।
कुछ लोग धर्म के ध्वज लेकर आ धमके हैं, जनता में छाया मौन, जी रही डरी-डरी कुछ लोग धर्म के ध्वज लेकर आ धमके हैं, जनता में छाया मौन, जी रही डरी-डरी
आदमी है आदमी ही विवशताओं में फंसा है। आदमी है आदमी ही विवशताओं में फंसा है।
चक्र समय का घूमता अविराम कब ,कहाँ, किसी के रोके रुका। चक्र समय का घूमता अविराम कब ,कहाँ, किसी के रोके रुका।
प्रेम प्राकृतिक है सहज है जैसे आकार में निराकार स्वाभाविक अभ्यास है प्रेम प्राकृतिक है सहज है जैसे आकार में निराकार स्वाभाविक अभ्यास है
समता की एक नई फसल लहलहाऊँगा। समता की एक नई फसल लहलहाऊँगा।
कुछ रूहें ढूंढ रही हैं अपनी ही लाश। कुछ रूहें ढूंढ रही हैं अपनी ही लाश।
पाप-पुण्य की रेखा से परे ईश्वरीय रहस्य को जाग्रत करना होगा एक युग एक महाकाव्य एक महाग्रं... पाप-पुण्य की रेखा से परे ईश्वरीय रहस्य को जाग्रत करना होगा एक युग एक मह...
शैल निवासी अर्जुन तू और, नागों का ईश्वर भी तू है। नाथ अनाथों का घुष्मेश्वर, वैद्यनाथ रावण क... शैल निवासी अर्जुन तू और, नागों का ईश्वर भी तू है। नाथ अनाथों का घुष्मेश्वर...
आपाधापी के इस युग मे प्रकृति को कितना कष्ट हुआ लील लिया जीवन अपना खुद अपने ही हाथों से ज... आपाधापी के इस युग मे प्रकृति को कितना कष्ट हुआ लील लिया जीवन अपना खुद अ...
बुद्धि मिले ऐसी हमें, निभा सकें हम फ़र्ज़। बुद्धि मिले ऐसी हमें, निभा सकें हम फ़र्ज़।
मां के रूप में मिला है एक अद्भुत उपहार। मां के रूप में मिला है एक अद्भुत उपहार।
एक समंदर छुपा लिया है लेकिन ज्वार बनकर सामने आऊँगा... एक समंदर छुपा लिया है लेकिन ज्वार बनकर सामने आऊँगा...
स्त्री के इस ईश्वर रूप को सलाम है हर माँ को मेरा साक्षात दण्डवत प्रणाम है। स्त्री के इस ईश्वर रूप को सलाम है हर माँ को मेरा साक्षात दण्डवत प्रणाम है।
बह जाने दो मौजों की रवानी में अस्थियों को मेरी। बह जाने दो मौजों की रवानी में अस्थियों को मेरी।