Darshita Jani
Drama Romance
हम ठहर क्या गए ज़रा
तुझे एक नज़र देखने को
कोई और लिखवाकर ले गया
तुझे किस्मत के बाज़ार से...।
काव्य दर्पण -...
तुम कीर्तिमान बना कर सब को आश्चर्यचकित करना। तुम कीर्तिमान बना कर सब को आश्चर्यचकित करना।
कभी मुझसे मिलना चाहे तो, कहना पलकों को ढक कर उससे, दिलों में शायद ज़िंदा हो, यही बस... कभी जो बात... कभी मुझसे मिलना चाहे तो, कहना पलकों को ढक कर उससे, दिलों में शायद ज़िंदा हो, य...
बचपन के बारे में एक कविता...। बचपन के बारे में एक कविता...।
एक ओर हरा-भरा गाँव बजती हैं जानवरों के गले की घंटियाँ चरवाहों की हँसी के साथ दूसरी ओर रिसता है पीपल ... एक ओर हरा-भरा गाँव बजती हैं जानवरों के गले की घंटियाँ चरवाहों की हँसी के साथ दूस...
छोटे बच्चों को ना रोको, खेलने दो रेत में पाक रहने दो उन्हें, अपना गणित सिखलाओ मत...! छोटे बच्चों को ना रोको, खेलने दो रेत में पाक रहने दो उन्हें, अपना गणित सिखलाओ...
मोम के कोमल पंख लगाकर मैं क्यों सूरज को छूना चाहता हूँ ? मोम के कोमल पंख लगाकर मैं क्यों सूरज को छूना चाहता हूँ ?
मैं, माँ की चटाई बिछाकर माँ का चश्मा लगाती हूँ और माँ की किताबों में खोजती हूँ माँँ...! मैं, माँ की चटाई बिछाकर माँ का चश्मा लगाती हूँ और माँ की किताबों में खोजती हू...
सत्य हूं मैं, बिक चुका हूं झूठ के बाज़ार में । मैं अकेला चल रहा हूं... सत्य हूं मैं, बिक चुका हूं झूठ के बाज़ार में । मैं अकेला चल रहा हूं...
लबों के छिपे राज़ो को जानते है, चलो आज कुछ नया करते है.. लबों के छिपे राज़ो को जानते है, चलो आज कुछ नया करते है..
जिसका गहना उसका मान सम्मान है औऱ जिसकी मुस्कुराहट उसके आज़ाद विचारों की पहचान है ! जिसका गहना उसका मान सम्मान है औऱ जिसकी मुस्कुराहट उसके आज़ाद विचारों की पहचान...
इन मय-क़शी सदाओं में ज़रा सी अज़मत भर देना... गुज़ारिश है तुमसे, एक बार, बे-दिली से ही सही... ब... इन मय-क़शी सदाओं में ज़रा सी अज़मत भर देना... गुज़ारिश है तुमसे, एक बार, बे-...
जब तख्त की ज़ुबाँ बोलनेे लगे अखबार, तो कैसे लिख दूँ कि कलम की ताकत अभी ज़िंदा है...। जब तख्त की ज़ुबाँ बोलनेे लगे अखबार, तो कैसे लिख दूँ कि कलम की ताकत अभी ज़िंदा ह...
विनाश सदैव विकल्प है प्रथम खटकाओ सभी द्वार...! विनाश सदैव विकल्प है प्रथम खटकाओ सभी द्वार...!
कौन है दुनिया मे जिसको ग़म नहीं वो तुम नहीं, वो हम नहीं ! कौन है दुनिया मे जिसको ग़म नहीं वो तुम नहीं, वो हम नहीं !
बिलखती है ख़ामोशी चीख़ता है सन्नाटा पालनकर्ता माँग रहा है दो रोटी का आटा...! बिलखती है ख़ामोशी चीख़ता है सन्नाटा पालनकर्ता माँग रहा है दो रोटी का आटा...!
निगाहों ने तुमको ही, अपना बताया । निगाहों ने तुमको ही, अपना बताया ।
एक ही ज़िंदगी है, अपनी इच्छाओं को पूरी करो यही दुनिया के सारे द्वार खोलता है, मैंने भी सीखा कि अरमान ... एक ही ज़िंदगी है, अपनी इच्छाओं को पूरी करो यही दुनिया के सारे द्वार खोलता है, मैं...
क़लम की इस पैनी नोंक ने मुझे, शमशेरों से लड़ना सिखा दिया... क़लम की इस पैनी नोंक ने मुझे, शमशेरों से लड़ना सिखा दिया...
बिना परिश्रम किए, कभी भी हार मान मत। बिना परिश्रम किए, कभी भी हार मान मत।
उसकी बिखरी खुशबू में कुछ बातें कहनी थी तुमसे... उसकी बिखरी खुशबू में कुछ बातें कहनी थी तुमसे...