पितृ पक्ष (दोहें)
पितृ पक्ष (दोहें)
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श्राद्ध कर्म करना सदा,रखना तुम यह याद
पितरों के सत्कर्म से,मिट जाए अवसाद।।
पितृदेव: संरक्षणं, रक्षा का है मंत्र।
तोड़े सब जंजाल अरु,तोड़े सारे तंत्र।।
सच्चे मन से जो यहाँ, करें पितर का श्राद्ध।
सातों पीढ़ी के पितर, हो जाते अभिराद्ध।।
जा कर इक दिन तुम गया, करो पिंड का दान।
पितरों को मिलता वहीं, उस ईश्वर का त्राण।।