जैसे
जैसे
एक बार झूम के तेरे बदल सी केशुओँ मै
नज़र कुछ यूं उलझ गयीजैसे मै मोहब्बत,
तुम सिफ़ारिश हो
जैसे कोई इज्ज़त और तुम गुज़ारिश ह
जैसे मैं वक़्त और तुम आज़माईश हजैसे
मै रेगिस्तान और तुम बारिश हो
जैसे कोई दुआ और तुम ख्वाहिश हो
क्या बोलू तुझे अये सनम
तू मेरा आज
तू मेरा काल हो...