जैसी मोहब्बत आपसे हुई है
जैसी मोहब्बत आपसे हुई है
शिकवा भी होगा,
शिकायत भी होगी,
इस दिल को
किसी और कि
चाहत भी होगी,
मगर मेरी जान
जैसी मोहब्बत आपसे हुई है,
किसी और से नहीं होगी !
ये दिल
कल भी आपसे
बेपनाह मोहब्बत करता था,
आज भी करता है,
फर्क बस इतना हैं, कि
कल ये बिंदास था,
आज मायूस है,
मेरी मोहतरमा, दिलरुबा, रहनुमा
किसी और से
इसे फिर शिकायत
ना होगी....
जैसी मोहब्बत आपसे हुई है,
किसी और से नहीं होगी !
ये तड़पेगा
कल सर्द रातों में...
उन्हें याद करके ख़्यालातों में....
गुमसुम,मायूस
होकर...
बैठेगा राहों में
उनसे मुलाक़ात के लिए,
उनसे मिलना भी
अब दुश्वारी होगी...
जैसी मोहब्बत आपसे हुई है,
किसी और से नहीं होगी !