अच्छा होता !
अच्छा होता !
यह तो सच है कि मैं फिर भी रोक ना पाता तुमको शायद
पर तुम कुछ कह कर जाते तो अच्छा होता !
तुम थे कि कुछ भ्रम था मैं अब असमंजस में बैठा हूँ
तुम थोड़ा सा रह कर जाते तो अच्छा होता !
कुछ गाँव था, ताल-तलैय्या थे, कुछ वृक्ष थे मेरी झोली में
यादों में जो बह कर जाते तो अच्छा होता !
साझी प्रीत की पावन पीड़ा का मैं अकेला मालिक क्यों
तुम भी थोड़ा सह कर जाते तो अच्छा होता !