न जाने क्या होता है !
न जाने क्या होता है !
न जाने कब से ऐसा होता है
की तस्वीर तेरी देख हर बार दिल धड़क जाता है,
एक धड़कन के बाद जो उसे याद आए
तब जाके दिल फिरसे सांस लेता है ।
आँखों की नौटंकी मैं देख नहीं पाता
पर इतना पता है की नज़र वहीं रुकता है,
एक झपकी के बाद जो तेरा चेहरा दिखे
तो लोग पूछते हैं "यार कहाँ खो जाता है"।
तू वो किताब है जो मुझे पूरी याद है
पर फिरसे हर पन्ना पढ़ने को जी चाहता है,
मालूम है हमेशा की यही कहानी है
पर कसम से हर बार मेरे अनजाने में होता है ।
न जाने मुझे क्या हो जाता है
की तू पास हो न हो फरक ना कोई पड़ता
एक मौसम के बाद जब सुकून मिले
मेरे मन में तेरे घर का एहसास मुझे होता है...