बदले में
बदले में
होंठो पे मुस्कान सजाकर
अपने हर दर्द को छुपाकर
हर दिन करती एक नई शुरुआत है
औरत के है रूप हज़ार।
वो माँ भी है, बहन भी है, दोस्त भी है
बीवी, बहू, बेटी भी है
शिकन अपने माथे पर आने ना दे
आँसू अपने खुद ही पी जाएं।
नौकरानी का भी दर्ज दे तो
तब भी हँसकर वो आगे बढ़ जाये
हर काम हर फ़र्ज़ वो खुशी खुशी निभाये।
बस बदले में इज़्ज़त और हक अपना चाहे।