मेरी और उनकी राजनीति का फ़र्क़
मेरी और उनकी राजनीति का फ़र्क़
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मेरी और उनकी राजनीति का फ़र्क़
वे मुझे देखते हैं
मैं उनकी तनी हुई भृकुटियाँ देखता हूँ
मैं भयभीत होने लगता हूँ
मैं रामधुन की कर्कशता दोहराता हूँ
मैं रोटी-रोज़ी-रोज़गार चाहता हूँ
वे अखंड भारत का नक्षा लहराते हैं
मेरी और उनकी राजनीति का यही है , यही है फ़र्क़
मैं पानी माँगता हूँ , वे ख़ून बहाते हैं .