वो एक दिन
वो एक दिन
उस दिन क्या-क्या न किया था
उस दिन क्या-क्या न सहा था।
उस दिन एक माफ़ी दे न सका
उस दिन उसे सॉरी कह न सका।
उस दिन मैं बेबस सा था
उस दिन उसे बेबस सा देखा था।
उस दिन न जाने क्यों कुछ कह न सका
उस दिन न जाने क्यों चुप रह न सका।
वो दिन है और आज का दिन है
बस दिन गुजरे हैं, पर वो लम्हें नहीं।
बस दो पल पास बैठा कि उनको बहला लेता हूँ
बस दो पल पास बैठ के उनके जी लेता हूँ।