कॉलेज लाइफ
कॉलेज लाइफ
बड़ी अजब थी ..कॉलेज लाइफ हमारी
भूखे पेट पैदल जाना, बस की राह टकना
ढंग के कपडे थे, शूज ना बाइक प्यारे
दोस्त तो थे मगर वो भी कंगाल सारे।
रंगी बिरंगी फैशनवाली हटके दुनिया
देखके हम भी खुश हुवा करते थे
सुन्दर लड़की देखकर मन ही मन में
वो तेरी वाली यह मेरी कहकर खुश हो जाते थे।
शहर की लड़किया देखकर टुकुर टुकुर सिर्फ देखते
लगता था हमारी गरीबीपरही वो हसती थी
गाँववाली मिलती थी तो उसकी मदत करते
धीरे धीरे सहमति लड़किया से नोट्स लेन-देन हुई।
शहरवाली लड़कियाँ की दूरियाँ भी कम हुई
लेकिन कुछ लड़के छोड़ के वह घुलमिल गई
उनके मन में कुछ नहीं था केवल दोस्ती
हमने भी दिल से दोस्ती हाथ थाम लिया।
कुछ लड़को के दिल में खोट थी आभास हुआ
आपसी खिंचातानी बढ़ी , झगड़े की नौबत आई
सबकुछ छोड़कर करनी हैं बस पढाई सोचकर
अपने काम मेरे जुट गए और ग्रॅज्युएट हुए।