हिंदी
हिंदी
हिंदी न केवल भाषा एक
संयोग उसमें भाषा अनेक
जोड़ती है वो पूरा भारत
उत्तर से दक्षिण कार्यरत
पश्चिम से पूरब तक
देश को करती है एक
शिरो रेखा खींचती ऊपर
जैसे हिमालय मस्तक पर
शब्दों का है भंडार भरा
कोष खोल के देखो जरा
हिंदी न केवल भाषा एक
खजाना बोली का विवेक