ज़िक्र तेरे गुलाब का
ज़िक्र तेरे गुलाब का
ज़िक्र तेरे गुलाब का क्या करूँ मेरे महबूब
जो ख़ुद हो गुलाब उसे क्या दूँ गुलाब
गुलाब में गुलाब हो गुलाब की ही गुलाब हो
गुलाब की पंखुड़ियों में समायी गुलाब हो
ज़िक्र तेरे गुलाब का क्या करूँ मेरे आफ़ताब
जो ख़ुद गुलाब-ए-बहार हो उसे क्या दूँ गुलाब
तेरी ख़ुशबू के आगे गुलाब की ख़ुशबू ही क्या
गुलाब की ख़ुशबू भी फ़ीकी ऐसा है मेरा गुलाब