मैया यशोदा
मैया यशोदा
कान्हा की करतूतों से हैरान हैं,
मैया यशोदा के नैना परेशान हैं।।
भोर में निकला अब साँझ हुई,
नयनों में अश्रु लिए घर - घर गयी।
पता बता दे मेरे कान्हा का कोई,
यशोदा थककर के यादों में खोई।
गोकुलवासी पते से अनजान हैं,
मैया यशोदा के नैना परेशान है।।
गोपियों ने लाल को सताया होगा,
उसे अनजान - सा रस्ता बताया होगा।
मैया यशोदा रो - रो के सोच रही,
बीते पलों में कान्हा को खोज रही।
विचारों में उठते उसके तूफान हैं,
मैया यशोदा के नैना परेशान हैं।।
अब गाय चराने नहीं भेजूंगी कभी,
नंद बाबा उसको ढूंढ़ के लाओ अभी।
मेरी साँसों की डोरी अब सिमट रहीं,
गले लगाने को बाहें मेरी तड़प रहीं।
मैंने बनाये उसके लिए पकवान हैं,
मैया यशोदा के नैना परेशान हैं।।
बहन देवकी को क्या बताउंगी मैं,
ये कलंक अब कैसे मिटाऊंगी मैं।
गोपी के साथ कान्हा आते हैं घर में,
मैया के गले लग जाते हैं पल में।
डर में खोई आँखें अब भी अनजान हैं,
मैया यशोदा के नैना परेशान हैं।।