फ़र्क नहीं पड़ता मुझे अब
फ़र्क नहीं पड़ता मुझे अब
फ़र्क नहीं पड़ता मुझे अब...
किसी के रूठ जाने से...
किसी के छोड़ जाने से...
डर नहीं लगता मुझे अब...
किसी की नफरतों में रहने से...
बदनाम होने से...
बद-दुआ लेने से...
फ़र्क नहीं पड़ता मुझे अब...
किसी के मुह मोड़ लेने से..
नज़र को फेर लेने से...
फ़र्क नहीं पड़ता...
किसी के नीचा दिखाने से...
किसी की नज़रो में गिर जाने से...
फ़र्क नहीं पड़ता किसी से भी अब मुझे...
किसी के भी होने ना होने से...
एक तेरी जुदाई से ए अजनबी...
मुझे अब फ़र्क नहीं पड़ता...
किसी के कुछ फ़र्क पड़ने से..