मोहब्बत
मोहब्बत
मोहब्बत क्या है, उल्फत क्या है
जवाब के लिए फ़ना हो जाना पड़ता है
ये वो सम्बंध है जिसमें कोई अनुबंध नहीं होता ,
बस उसकी आँख का आँसू अपनी आँख से बहाना पड़ता है ।।
इबादत सी पावन कहानी होती है ,
अपने यार को अपना खुदा बनाना पड़ता है
जिस्मानी सम्बंध नहीं, रूहानी अनुबंध होता है ,
दूजे की धड़कन को अपने दिल में धड़काना पड़ता है ।।
लफ़्ज़ों में बयान ना हो ये अहसास कभी ,
दिल के जज़्बातों को आँखो से सुनाना पड़ता है
लाख रूठे यार मगर ,
रिवाज ऐ मोहब्बत में बार बार मनाना पड़ता है ।।