ज़ख्म दे जायेगा
ज़ख्म दे जायेगा
मुझे पता भी नहीं था
कि कभी ऐसा भी होगा
कोई अपना होकर
नादान दिल को
ज़ख्म दे जायेगा,
हमसफर, रहनुमा
मान बैठे थे, जिसे
आखिर उसने ही
ऐसा क्या कर दिया
वफ़ा ही वफ़ा
करेगे,
किया था ऐसा वादा,
कब मुँह मोड़ गये
पता भी ना चला,
निभानी ही नहीं थी वफ़ा
फिर क्यों वादे किये
मान बैठे थे ख़ुदा जिसे
क्यों उसने ही धोखा दिया
नहीं मालूम था कि वो
बेवफ़ा हो जायेगा
नादान दिल को
ज़ख्म दे जायेगा।