दर्द
दर्द
एक दौड़ है पैसों की
नहीं है तो दर्द है
है तो चिंता है
सिर्फ़ जी रहे
पर जीवन कहाँ है?
रिश्ते हैं
पर रिश्ता कहाँ है?
जिंदगी तू चाहे जो खेल खेल ले
इतना बता
मेरे अपने कहाँ है?
जीवन के इस मोड़ तक मैंने भी कुछ देखा है
अपने तो हैं
पर अपनापन कहाँ है?
मेरे सवाल तो कब के ख़त्म हुए
मेरी ख़ामोशी है तेरा जवाब है
तू ये न सोच ज़िन्दगी की मुझ से भी खेल खेल लेगी
मेरा जीवन ही तुझे जवाब है
मेरा जीवन ही तुझे जवाब है