सबक सिखा दो
सबक सिखा दो
मिल जुलकर जो रहेंगे हम
बनेगा देश प्यारा हमारा
ना होगा जो कोई मत भेद
बनेगा देश न्यारा हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
सब है इंसान एक से
सब मे बहता है खून एक सा
सब मे इंसानियत एक सी।
एक दूजे से जो लड़ेंगे हम
फिर से ना कोई बना ले
हम को ग़ुलाम
जरा सोच समझकर ही रहा करो
कर ना दे कोई फिर बँटवारा।
ईश्वर ने तो इंसान को बनाया
इंसान ने धर्मो में खुद को बाँटा
बाहर निकलो इन नेताओं के चुंगल से
अपनी खुशी के लिए ये टुकड़े करे
देश के।
एक इंसान को दूजे से लड़ाए ये
धर्म के नाम पर राजनीति करे
ऐसे लोगो को सबक सिखा दो
एक होकर सबको मज़ा चखा दो।